
जेल से रिहा हुए एक दर्जन से अधिक बांग्लादेशी
मथुरा।मथुरा। कोसीकलां में रह कर कुछ लोग कूड़ा कबाड़ा बीनने का काम करते थे। 2018 में कोसीकलां पुलिस को सूचना मिली की कूड़ा बीनने वाले इन लोगों में कुछ लोग बांग्लादेशी हैं और अवैध रूप से रह रहे हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर जब 15 लोगों को पकड़ा और उनके कागजों की जांच की तो वह अवैध पाए गए। जिसके बाद पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर लिया। मथुरा जिला जेल में बंद बांग्लादेशी कैदियों को रिहा किया गया। 2018 से जिला जेल में बंद इन कैदियों की सजा पूरी होने के बाद रिहा कर दिया गया। मथुरा में अवैध रूप से रह रहे 15 बांग्लादेशी को पुलिस ने 2018 में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे इन बांग्लादेशियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया जिसके बाद कोर्ट ने इन्हें जेल भेज दिया। पुलिस की गिरफ्त में आए बांग्लादेशीयों के पास आधार कार्ड मिले। जिन पर पता कोसी का ही लिखा हुआ था। पुलिस ने जब बरामद आधार कार्डों की जांच की तो वह फर्जी पाए गए। इसके बाद जब अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों से पूछताछ की तो पकड़े गए लोगों ने बताया कि वह दलाल के माध्यम से अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में आ गए थे। कैदियों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय होने के चलते जिला कारागार प्रशासन ने कोर्ट में इनकी सजा पर पुनर विचार करने की अपील की। जिसके बाद कोर्ट ने इनकी सजा कम करते हुए रिहाई के आदेश दे दिए। जिसके बाद मंगलवार की देर शाम इनको रिहा कर दिया गया। फर्जी आधार कार्ड मिलने पर धारा 419,420,467,468 और 471 में गिरफ्तार 15 बांग्लादेशियों को पुलिस ने मथुरा कोर्ट में पेश किया। जहां पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साख्यों के आधार पर कोर्ट ने जेल भेज दिया। 2018 में जेल भेजे गए इन कैदियों की मंगलवार को सजा पूरी हो गई। जेल भेजे गए इन कैदियों में 8 पुरुष,7 महिला थे। कैदियों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय होने के चलते जिला कारागार प्रशासन ने कोर्ट में इनकी सजा पर पुनर विचार करने की अपील की। जिसके बाद कोर्ट ने इनकी सजा कम करते हुए रिहाई के आदेश दे दिए। जिसके बाद मंगलवार की देर शाम इनको रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद यह कैदी वापस भारत में न रहें इसके लिए स्थानीय अधिसूचना इकाई यानी कि एलआईयू ने इनको बांग्लादेश बॉर्डर पर छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद इन सभी कैदियों को रोडवेज बस के जरिए पुलिस की मौजूदगी में बांग्लादेश बॉर्डर के लिए रवाना कर दिया गया। जिला जेल से रिहा किए गए कैदियों में वासुदेव दास पुत्र नारायण दास,मंसूर खान पुत्र नाजिर खान,फारुख उर्फ फजुर खान,रवि उल्ला खान पुत्र शहजाद खान, जहांगीर पुत्र माजिद,बाबू पुत्र सोयदुल,नजमुल पुत्र अनार शेख के अलावा महिला कैदी राबिया पुत्री बापुन,रेशमा पत्नी मंसूर खान,खदीजा पत्नी जमानाल,अकलीमा पत्नी महरूफ, फरीदा पत्नी यूसुफ, रुना पत्नी बाबू खान व शनारा पत्नी सोयदूल हैं।