मथुरा श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर 30 अगस्त की रात्रि जन्मेंगे जगत के पालनहार, वेणु-मंजिरिका’ पुष्प-बंगले में विराजेंगे ठाकुरजी

 

स्वर्ण मण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गौ प्रतिमा करेंगी ठाकुरजी का प्रथम अभिषेक

 

रात्रि 1ः30 बजे तक जन्मस्थान के दर्शन खुले रहेंगे।

 

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का परम पुनीत जन्ममहोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अश्टमी तद्नुसार सोमवार को मनाया जायेगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुये श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के 5248वें जन्ममहोत्सव के दिव्य अवसर पर जन्मस्थान की साज-सज्जा, ठाकुरजी की पोषाक, श्रंगार नयनाभिराम होंगी। जन्मभूमि के अन्दर एवं परिसर के बाहर से श्रद्धालुगण जिस दिशा से भगवान श्रीकृष्ण की जनमभूमि के दर्षन करेंगे, वहीं से उनको जन्मभूमि की अद्भुद छटा की अनुभूति हो, ऐसा प्रयास चल रहा है। भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य भूमि एवं कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ-गृह की साज-सज्जा अद्भुद होगी। गर्भ-गृह के प्राचीन वास्तु अथवा मूलरूप में बिना कोई परिवर्तन किये हुए कारागार का स्वरूप प्रदान किया जायेगा, जिससे श्रद्धालुओं को उनकी भावना के अनुरूप ठाकुरजी के दर्शन प्राप्त होंगे, साथ ही पर्व के अनुकूल प्रकाश का संयोजन भी गर्भगृह की भव्यता एवं दिव्यता में वृद्धि करेगा। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में उत्कीर्ण भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाऐं भक्तों के आकर्शण का केन्द्र रहती हैं। इन स्थानों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था रहेगी। सोमवार को प्रातः दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे। तदोपरान्त भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जायेगा एवं भगवान के पवित्र स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन होगा। प्रातः 10ः00 बजे भव्य पुष्पॉंजलि कार्यक्रम का आयोजन भागवत-भवन मंदिर में श्रीराधाकृष्ण के श्रीविग्रह के समक्ष किया जायेगा। इस अवसर पर भजन-गायन सुप्रसिद्ध भजन गायिका कीर्ति किशोरी के द्वारा किया जायेगा। जन्म महाभिषेक का मुख्य एवं कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से शुरू होगा। तदोपरान्त 1008 कमल-पुष्प से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन करते हुऐ आव्हान किया जायेगा। रात्रि 12ः00 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में बज उठेंगे ढोल-नगाड़े, झॉंझ-मंजीरे, मृदंग साथ ही हरिबोल के साथ नाच उठेंगे असंख्य भक्तजन-संत एवं भगवान के जन्म की महाआरती शुरू होगी जो रात्रि 12ः15 बजे तक चलेगी। ढोल एवं मृदंग अभिषेक स्थल पर तो बजेंगे ही साथ-ही-साथ सपूर्ण मंदिर परिसर में स्थान-स्थान पर भी इनका वादन होगा। भगवान के प्राकट्य की सूचक मंगल ध्वनि का प्रसारण जन्मस्थान परिसर के बाहर ध्वनि विस्तारक (लाउडस्पीकर) के माध्यम से भी किया जायेगा जिससे जो श्रद्धालु परिसर के अन्दर प्रवेष नहीं कर पायेंगे, वह भी उस दिव्य ध्वनि का आनन्द लेते हुऐ भगवान के प्राकट्य के साक्षी बनेंगे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

विज्ञापन बॉक्स
विज्ञापन बॉक्स

Related Articles

Close
[avatar]