
चैतन्य बिहार में नौकरों ने ही दम्पत्ति को बंधक बनाकर की थी लाखों की लूट
वृद्ध दम्पत्ति को बंधक बनाकर लूटने वाला नौकर साथी संग गिरफ्तार, एक साथी पुलिस पकड़ से दूर
बिहार से दो आरोपी पकड़े, जेवरात और बीस हजार की नगदी बरामद
मथुरा। नौ दिन पूर्व वृंदावन की चैतन्य बिहार कॉलौनी में दम्पत्ति को बंधक बनाकर हुई लाखों के जेवरात और नगदी लूट के मामले में उन्हीं का नौकर और उसका भाई दोषी पाया गया है। पुलिस और एसओजी टीम ने झारखंड सीमा से लगे बिहार के बांका जिले से दोनों आरेपितों को हिरासत में लेकर उनसे लूटे गए जेवरात और बीस हजार रुपए की नगदी बरामद की है। इस लूटकांड में शामिल एक आरोपित भी पुलिस पकड़ से दूर है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है।
अपर पुलिस अधीक्षक नगर मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने गुरुवार अपने कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि 27-28 सितम्बर की रात चैतन्य बिहार में रहने वाले विजय गर्ग के यहां उनकी पत्नी और उन्हें बंधक बनाकर दस लाख की नगदी और जेवरात लूट गए गए थे। पुलिस टीम ने इस मामले में उमेश यादव, राजेश यादव निवासी जयपुर को बिहार के बांका जिले से िहिरासत में लेकर उनके कब्जे से बीस हजार रुपए और तीन सोने की चैन, एक सोने का ब्रेसलेट चार सोने के सिक्के, तीन सोने की कान की रिंग दो सोने की चूड़ी, दो सोने व डायमंड की चूड़ी, ग्यारह चांदी के सिक्के और चांदी का कटोरा बरामद किया है। इनका एक साथी रंजन भी फरार है जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। एएसपी सिटी ने बताया विजय गर्ग का मदन नाम नौकर घर में शादी के लिए छुट्टी मांग रहा था, तथा गर्ग की पत्नी कलकत्ता की रहने वाली है उन्होंने अपनी बहन से नौकर के बारे में बातचीत की। इसके बाद उमेश ने विजय गर्ग की पत्नी हेमलता से सम्पर्क किया और 15 सितम्बर को सवयं उमेश बनकर राजेश को काम के लिए भेज दिया। 25 सितम्बर तक राजेश ने पुराने नौकर से काम सीखा और उसके छुटटी के जाने बाद तीसरे दिन ही घटना को अंजाम दे दिया।
घटना के खुलासे में प्रमुख रूप से सीओ सदर प्रवीन मलिक, वृंदावन कोतवाली सूरज प्रकाश शर्मा, ज्ञानेन्द्र सिंह सोलंकी, ईश्वर सिंह, अमित कुमार विकास कुमार आदि शामिल है।