आज नहाय-खाय से शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व

 

कोसीकलां। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा। 29 अक्तूबर को खरना, 30 अक्तूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 31 को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ चार दिनों के पर्व का समापन होगा।दिवाली के छह दिन बाद यह महापर्व मनाया जाता है।

रामलीला संस्थान के मेला आचार्य मोरमुकुट शास्त्री के अनुसार, छठ व्रत रोगों से मुक्ति, संतान के सुख और समृद्धि में वृद्धि के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से व्रत रखने से मनोकामना जरूर पूरी होती है।

छठ पर्व की पूजा में पूर्ण फल की प्राप्ति के लिए आम का पल्लव, पान, सुपारी, फल, लौंग, इलायची, गुण, रुई, चौमुखी दिया, सूप, रोली, चावल, अगरबत्ती, कपूर, चूड़ा, सरसों तेल, नींबू बड़ा व छोटा, आटे का ठेकुआ, मूली, कद्दू, हल्दी, अदरक, सुथनी, पंचमेवा, देसी घी तथा सभी प्रकार के फलों का इस्तेमाल होता है।

30 अक्तूबर: सायंकाल पांच बजकर 34 मिनट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 31 अक्तूबर: सुबह छह बजकर 27 मिनट पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा

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