हेमा मालिनी के घुंघरूओ की झंकार से झंकृत जवाहर बाग, कान्हा की राधा पर बन रचाया महारास

 

 

मथुरा। जवाहर बाग में कृष्ण भक्ति का सबसे बड़ा रास सभी को मंत्र मुग्ध कर रहा है। मां यशोधा के गीतों ने सभी को कृष्ण भक्ति में लीन कर दिया। स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति के बाद भाजपा की सांसद और बालीवुड कलाकार हेमा मालिनी के घुंघुरुओं ने जवाहर बाग को झंकृत किया।सांसद हेमामालिनी का कहना है कि वे कलाकार के साथ शास्त्रीय संगीत व नृत्य की भी बड़ी फनकार हैं। फिल्म बनाने से लेकर डायरेक्ट भी की हैं, तो किसी भी जगह का किस तरह उपयोग किया जाए, ये वह जानती हैं। लंबे समय से इच्छा थी कि ब्रज की प्राचीनता के मध्य वे अपनी कला का प्रदर्शन करें और श्रीकृष्ण को लुभाएं। तो जवाहर बाग का जब निरीक्षण किया तो तत्काल इस हरियालीयुक्त वातावरण का उचित उपयोग करने का मन बना लिया।

 

सांसद हेमामालिनी ने कहा, अब तक मेरे दिल में इच्छा थी कान्हा की भूमि पर राधा बनकर महारास रचाने की। ये इच्छा अब पूरी हो रही है। महारास में पहले स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति शुरू हुई। इसके बाद महारास के बारे में सूक्ष्म रूप से दर्शकों को जानकारी दी जाएगी। महारास का मंचन सबसे आखिरी में हो रहा है।क्या है महारासद्वापरयुग में हर गोपी की इच्छा थी कि वह भगवान श्रीकृष्ण के साथ रास रचाए। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों संग शरदपूर्णिमा पर रास रचाया। जितनी गोपियां थीं, कान्हा भी उतने ही थे। इसे ही महारास नाम दिया गया। भागवत किंकर गोपाल प्रसाद उपाध्याय बताते हैं कि महारास की आभा ने वक्त को सम्मोहित कर ठहरने को विवश कर दिया। छह माह तक चंद्रदेव (चंद्रमा) अपने स्थान से नहीं हटे।

खुद तैयार की थीमकान्हा की उपासक सांसद हेमामालिनी ने महारास की पूरी थीम खुद तैयार की है। मथुरा में हेमामालिनी की ये पहली मंचीय प्रस्तुति नहीं है। इससे पहले उन्होंने 2015 और 2018 में छटीकरा, वृंदावन और वेटेरिनरी विश्वविद्यालय में भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया था। सांसद के प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा ने बताया कि हेमामालिनी पहली बार महारास प्रस्तुत करेंगी। इसकी तैयारी उन्होंने खुद की है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

विज्ञापन बॉक्स
विज्ञापन बॉक्स

Related Articles

Close
[avatar]