आशा एवं आंगनबाडियों का वेतन न देने पर अधिकारियों का वेतन रोका

 

चार्ज न देकर जाने वाले बाबूओं के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करें

प्रसव वाली महिलाओं को 48 घंटे अस्तपाल में देख रेख में रखें

विद्यालयों में मच्छर रोधी वृक्ष लगाये जायें

आशा आंगनबाड़ी कार्यकत्री घर-घर जाकर संचार रोग की स्थिति जानकारी लें

18 अक्टूबर से 17 नवम्बर तक संचारी अभियान चलेगा

मथुरा 05 अक्टूबर/ आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का वेतन का भुगतान न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए ऐसे अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाये, जो वेतन न देने के जिम्मेदार हैं।

उक्त विचार जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कलेक्टेªट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बजट होने के बावजूद किन परिस्थितियों में वेतन नहीं दिया गया, इस पर विभागीय कार्यवाही भी होनी चाहिए। सौ सैय्या अस्पताल में मातृ जननी योजना के तहत कम चिन्हित किये गये लाभाथर््िायों पर जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिये कि जिन एएनएम के कार्यों मंे लापरवाही बरती गयी है उनका वेतन रोका जाये।

श्री चहल ने अनेक बाबूओं के जार्च न देने के कारण सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होने की समस्या पर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि ऐसे बाबूओं को स्थानान्तरित जनपद से तत्काल बुलाया जाये तथा उनसे चार्ज लिया जाये, यदि वे नहीं आते हैं, तो उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी एमओआईएसी को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों से प्रसव कराने वाली महिलाओं को 48 घंटे तक डाॅक्टरों की देख रेख में रखा जाये, ठीक होने के पश्चात ही डिस्चार्ज करें।

जिलाधिकारी ने संचारी रोग के प्रभाव को कम करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्यालयों में ऐसे वृक्षों का रोपण किया जाये जो मच्छर रोधी हों। उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी ऐसा स्थान न रहे, जहां पानी एकत्रित हो सके। उन्होंने ग्राम पंचायतों से टूटी हुई नालियों को ठीक कराने, झाड़ियों को कटवाने तथा पोखरों को भी साफ रखने के निर्देश दिये।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डाॅ0 नितिन गौड़ ने आशा एवं आंगनबाड़ियों को निर्देश दिये कि 18 अक्टूबर से 17 नवम्बर तकक चलाये जाने वाले विशेष संचारी रोग अभियान के अन्तर्गत घर-घर जाकर रोगियों की स्थिति की जानकारी लें। उन्होंने कहा कि बुखार में ठण्ड लगती है, तो मलेरिया, बुखार में बदन पर दब्बे दिखाई देते हैं, तो डेंगू, बुखार में दर्द का एहसास होता है, तो चिकिन गुनिया की शिकायत हो सकती है। उन्होंने कहा कि खांसी ज्यादा समय रहने, बलगम के साथ खून आना जैसे रोगियों की पहचान करें, जिससे क्षय रोगियों की पहचान हो सके।

श्री गौड़ ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन का भी घर-घर जाकर पता लगायें कि कोई भी व्यक्ति न छूटा हो। कोविड-19 वैक्सीन लगवाने से बच्चों की भी सुरक्षा होगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगवायी है, उनको घर-घर जाकर जागरूक करें। उन्होंने कहा कि नगर निगम तथा जल निगम शुद्ध जल की सप्लाई करें, बायोमेडिकल, बैक्टीकल का परीक्षण भी करायें। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश सभी विद्यालयों में विशेष संचारी रोग से संबंधित बच्चों को जानकारी दी जाये। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन स्थानों पर जानवर रह रहे हैं, उन स्थानों पर सफाई रखने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें।

 

 

 

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