
भगवान को ठंड से बचाने को भक्त कर रहे जतन, लड्डू गोपाल को पहनाए वस्त्र
मथुरा। गुरुवार को वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने पहुंची रेवाड़ी निवासी प्रिया और शिल्पी अपने गोपाल जी को लेकर साथ लेकर मथुरा पहुंची। आस्था भाव, जिस प्रकार भक्त को सर्दी-गर्मी का एहसास होता है, उसी तरह भगवान को भी। इसी आस्था भाव की बानगी ब्रज में देखने को रही है। कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए भक्त जिस प्रकार अपने लिए इंतजाम करते हैं, उसी तरह भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन कर रहे हैं। मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में ठाकुरजी को ठंड न लग जाए, इसलिए उनके भोग में बदलाव किया गया है। ठाकुरजी के खानपान से लेकर उनके पहनावे में भी बदलाव आ गया है। आस्था भाव के अनुरूप भक्त भी अपने लाडले लड्डू गोपाल की सेवा कर रहे हैं।
गुरुवार को वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने पहुंची रेवाड़ी निवासी प्रिया और शिल्पी अपने गोपाल जी को भी साथ लेकर आईं। लड्डू गोपाल को कहीं ठंड न लग जाए, इसलिए उन्हें ऊनी वस्त्र पहनाकर लाईं। बांकेबिहारी के दर्शन के बाद लड्डू गोपाल को प्रसाद का भोग भी लगाया वृंदावन में ठंड का प्रभाव लाडले ठाकुर बांकेबिहारी पर न पड़े, इसके लिए सेवायतों द्वारा आराध्य को गर्म पोशाक पहनाने के साथ मेवों का भोग लगाया जा रहा है। दोपहर राजभोग में कच्चे भोजन में दी जाने वाली खीर में सूखे मेवे डाले जा रहे हैं। शाम को (उत्थापन) में चाट का भोग और शयन से पूर्व मेवा-केसर मिश्रित दूध का भोग दिया जा रहा हैमंदिरों के साथ-साथ घरों में भी ठाकुरजी को मेवा और गोंद की मिठाइयों का भोग लगाया जा रहा है। रात को शयन शृंगार उतारने के बाद लड्डू गोपाल को रजाई ओढ़ाई जा रही है। बाजार में भी ठाकुरजी के लिए तरह-तरह की गर्म पोशाक आई हैं।गुरुवार से ही बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है। क्रिसमस और नए साल के बीच लाखों भक्तों के पहुंचाने की संभावना है। वृंदावन पहुंचीं श्रद्धालु प्रिया और शिल्पी ने बताया कि अखबार पढ़ने के बाद निर्णय किया कि भीड़ के दबाव से बचने के लिए नववर्ष से पहले ही दर्शन कर आएं।
शनिवार-रविवार को वीकेंड के साथ क्रिसमस भी है। वृंदावन में भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने यातायात व्यवस्था में बदलाव किया है। 23 दिसंबर की शाम से वृंदावन में वाहनों का प्रवेश नहीं होने दिया जाएगा। वहीं लाखों भक्त नववर्ष की शुरुआत ठाकुरजी के दर्शन के साथ करेंगे।