आद्यात्मिक गुरुओं की महत्ता आदिगुरु महर्षि वेद व्यास से : राजाबाबा

 

मथुरा। श्रीमदभागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में विगत अनेक वर्षों की भाँति मथुरापुरी में कृष्णगंगा घाट स्थित वेद व्यास की  पौराणिक तप:स्थली पर कृष्णद्वेपायन आदिगुरु महर्षि वेद व्यास का प्रादुर्भाव समारोह भक्ति व श्रद्धा के साथ आयोजित किया गया। सर्वप्रथम विद्वानों द्वारा स्वस्तिवाचन, गणेश, नवग्रह एवं मातृका पूजन के उपरांत आदिगुरु का समारोह के मुख्य अतिथि सुदामा कुटी वृंदावन के श्रीमहंत सुतीक्षण दास महाराज, समारोह अध्यक्ष संत राजा बाबा, समिति संस्थापक पंडित अमित भारद्वाज, अध्यक्ष पं. शशांक पाठक , स्मारक समिति के मंत्री योगेश आवा,उपस्थित विद्वानों ने व्यास चरणाभिषेक पूजन अर्चन वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य कर मंगल दीप प्रज्ज्वलित किया। व्यास जी के जीवन दर्शन पर गोष्ठी में विद्वानों ने संबोधित करते हुए कहा की आद्यात्मिक गुरुओं की महत्ता वेद व्यास से है, वेद व्यास के बिना धर्मगुरुओं का कोई अस्तित्व नहीं। इसी लिए व्यास पूर्णिमा को व्यासजी का जन्मोत्सव गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। उनके द्वारा प्रदत्त वेद, पुराण, शास्त्र, उपनिषद द्वारा धर्मगुरुओं को मार्गदर्शन मिलता है। वायु पुराण, स्कंद पुराण व वराह पुराण में वर्णित मथुरापुरी में व्यास तप:स्थली पर हमें प्रतिवर्ष  आदिगुरु के पूजन का सौभाग्य प्राप्त होता है। जहाँ व्यासजी द्वारा अनेक संहिता लिखने का पौराणिक उल्लेख है। इस अवसर पर आचार्य लालजी शास्त्री, बलराम आचार्य , आचार्य रमाकांत गोस्वामी, हर्षवर्धन शास्त्री, श्रीकांत भंडारी ,हरिशंकर शास्त्री, राधावल्लभ शास्त्री,राजेंद्र भगत, चंद्रप्रकाश पुजारी, शैलेंद्र शर्मा,  श्यामबिहारी शास्त्री, गोवर्धन दास बिजली वालेआदि ने विचार प्रकट किये। समारोह का संचालन समिति के साहित्य मंत्री  राधाबिहारी गोस्वामी ने किया। आरती व प्रसाद के साथ समापन हुआ*आद्यात्मिक गुरुओं की महत्ता आदिगुरु महर्षि वेद व्यास से, वेद व्यास से ही धर्मगुरुओं का अस्तित्व* श्रीमदभागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में विगत अनेक वर्षों की भाँति मथुरापुरी में कृष्णगंगा घाट स्थित वेद व्यास की पौराणिक तप:स्थली पर कृष्णद्वेपायन आदिगुरु महर्षि वेद व्यास का प्रादुर्भाव समारोह भक्ति व श्रद्धा के साथ आयोजित किया गया। सर्वप्रथम विद्वानों द्वारा स्वस्तिवाचन, गणेश, नवग्रह एवं मातृका पूजन के उपरांत आदिगुरु का समारोह के मुख्य अतिथि सुदामा कुटी वृंदावन के श्रीमहंत सुतीक्षण दास महाराज, समारोह अध्यक्ष संत राजा बाबा, समिति संस्थापक पंडित अमित भारद्वाज, अध्यक्ष पं. शशांक पाठक , स्मारक समिति के मंत्री योगेश आवा,उपस्थित विद्वानों ने व्यास चरणाभिषेक पूजन अर्चन वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य कर मंगल दीप प्रज्ज्वलित किया। व्यास जी के जीवन दर्शन पर गोष्ठी में विद्वानों ने संबोधित करते हुए कहा की आद्यात्मिक गुरुओं की महत्ता वेद व्यास से है, वेद व्यास के बिना धर्मगुरुओं का कोई अस्तित्व नहीं। इसी लिए व्यास पूर्णिमा को व्यासजी का जन्मोत्सव गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। उनके द्वारा प्रदत्त वेद, पुराण, शास्त्र, उपनिषद द्वारा धर्मगुरुओं को मार्गदर्शन मिलता है। वायु पुराण, स्कंद पुराण व वराह पुराण में वर्णित मथुरापुरी में व्यास तप:स्थली पर हमें प्रतिवर्ष आदिगुरु के पूजन का सौभाग्य प्राप्त होता है। जहाँ व्यासजी द्वारा अनेक संहिता लिखने का पौराणिक उल्लेख है। इस अवसर पर आचार्य लालजी शास्त्री, बलराम आचार्य , आचार्य रमाकांत गोस्वामी, हर्षवर्धन शास्त्री, श्रीकांत भंडारी ,हरिशंकर शास्त्री, राधावल्लभ शास्त्री,राजेंद्र भगत, चंद्रप्रकाश पुजारी, शैलेंद्र शर्मा, श्यामबिहारी शास्त्री, गोवर्धन दास बिजली वालेआदि ने विचार प्रकट किये। समारोह का संचालन समिति के साहित्य मंत्री राधाबिहारी गोस्वामी ने किया। आरती व प्रसाद के साथ समापन हुआ।

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