एससी-एसटी एक्ट में पीड़ित को मिलने वाली मुआवजा राशि को लेकर भाजपा विधायकों में तकरार

 

 

मथुरा । कलक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में एससी एसटी एक्ट में पीड़ित को मिलने वाले मुआवजे को लेकर भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए। बलदेव के विधायक ने शासन की व्यवस्था का हवाला देते हुए पीड़ित को मुकदमे के बाद मुआवजे को उचित ठहराया तो मांट के विधायक राजेश चौधरी और गोवर्धन के विधायक ठाकुर मेघ श्याम ने मामला गलत पाए जाने पर उक्त धनराशि वापस न लिए जाने पर सवाल उठाए।

 

 

 

 

सोमवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में अनुसूचित जाति, जनजाति की जनपद स्तरीय जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें शामिल समाज कल्याण अधिकारी नागेंद्र पाल सिंह ने एसटीएससी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमा और उन्हें मिले मुआवजे की रिपोर्ट प्रस्तुत की। बताया कि जनपद में एसटी एक्ट के 47 मामले हैं। इनमें एक हत्या का और 46 मारपीट से जुडे़ प्रकरण हैं।

 

 

 

मांट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने पूछा कि एससी, एसटी मुकदमों के आधार पर मिलने वाली मुआवजा राशि मामला फर्जी मिलने पर क्या वापस होती है। इस पर समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि जनपद में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। इस पर गोवर्धन विधायक मेधश्याम सिंह ने सवाल उठाया कि एससी, एसटी एक्ट में मामला फर्जी पाया जाता है तो दी गई मुआवजा राशि वापस भी होनी चाहिए।

विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे विधायक

मांट विधायक राजेश चौधरी ने कहा कि गुण दोष के आधार पर मुआवजा देने के प्रावधान होना चाहिए। इसके लिए दोनों विधायकों ने विधानसभा में सवाल उठाने की बात कही। मांट विधायक ने इन मामलों में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि थाना गोविंदनगर में 1989 में हुए जमीनी विवाद में अब 2022 में एससी एसटी एक्ट की धारा बढ़ा दी गई। यह तो उदाहरण है, अनेक ऐसे मामले हैं।

 

बलदेव के भाजपा विधायक पूरन प्रकाश ने शासन के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि एससी, एसटी मामले में पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद समाज कल्याण विभाग को दर्ज मुकदमा के अनुसार पीड़ित को मुआवजा राशि देने का प्रावधान है। बैठक में सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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