
माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रांतीय ग्रीष्मकालीन चिंतन शिविर प्रारम्भ ।
मथुरा। वृंदावन में उ०प्र० माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई) के ग्रीष्मकालीन चिंतन शिविर का तीन दिवसीय आयोजन स्वामी नामदेव ज्योतिर्मठ आश्रम, चैतन्य विहार, फेज- 2. वृन्दावन में प्रारंभ हुआ । जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जगदीश पाण्डेय की जानकारी देते हुए डॉ देवप्रकाश ने बताया कि शिविर में नई शिक्षानीति, शिक्षा शिक्षको की चुनौतियों तथा वर्तमान परिदृश्य में संगठन की सशक्त भूमिका पर विचार रखे गए शिविर में संबोधन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज की परिस्थिति में शिक्षा को बचाने हेतु नवयुवक शिक्षकों को संघर्ष का रास्ता ही अपनाना पडेगा । जनआन्दोलन एक मात्र इसका विकल्प है। नई शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम में उल-जलूल परिवर्तन वर्दाश्त नहीं किया जायेगा। श्री ठकुराई ने आगे कहा कि असल में कोठारी आयोग की संस्तुतियाँ अपने-आप में अत्यन्त वैज्ञानिक थी किन्तु नई शिक्षा नीति लागू करना शिक्षा शिक्षकों के लिए औचित्यहीन हैं।शिविर को सम्बोधित करते हुये डा. उमेश त्यागी, (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) ने कहा कि आज तो शिक्षकों के सामने अस्तित्व का संकट है जिसके लिए संघर्ष ही विकल्प है। सृजित पदों को समाप्त कर आउटसोरशिंग / ठेके पर नियुक्तियों को लागू करना इस सरकार के कुत्सित मानसिकता का अंतर है। प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने अपने सम्बोधन मे कहा कि नई अंशदायी योजना और स्थानान्तरण एक वृद्ध समस्या है जिसके लिए 30 प्र0 शिक्षक संघ – ढकुराई गुट· ही संवेदनशील है और समस्याओं के समाधान हेतु अनवरत संघर्षरत हैं। चिंतन शिविर में शिक्षा के समक्ष स्थिति तथा गुणात्मक परिवर्तन में भी विचार किया जायेगा और सारतत्व को कार्यरूप में परिवर्तित किया जायेगा। वरिष्ठ शिक्षक नेता नित्यानन्द शर्मा व जगतारन सरना महावीर प्रसाद त्यागी, अरुण पाल आत्रेय, डॉ ब्यालिनी अग्रवाल आदि ने सम्बोधित किया।स्वागत भाषण वरिष्ठ उपाध्यक्ष / शिविर संयोजक अयोध्या प्रसाद अग्रवाल ने किया तथा संचालन प्रदेश उपाध्यय डॉ. जय प्रकाश नायक ने किया। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र अग्रणी भूमिका निभाने वाले विभूतियों को – डॉ. शालिनी अग्रवाल डॉ. पदमसिंह कौन्तेय, डॉ. अखिलेश यादव, डॉ. राकेश कुमार गिरि, शमी को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सतवीर सिहं, डॉ. प्रमोद गौतम, संजय खण्डेलवाल, सुनील कुमार शुक्ल डॉ. अजय कुमार पाण्डेय, हीरालाल गौड, डॉ. शोभित श्रीवास्तव, विनोद यादव, विरेश सिंह तोमर, अनुरक्त साधक गुप्ता, प्रेमचन्द, पंकज त्रिपाठी, संतोष शुक्ल राजेन्द्र त्रिपाठी, स्वामी के पी० सिंह, पंकज शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपास्थित रहे