
देवशयनी एकादशी पर मंदिरों व परिक्रमा मार्ग में उमड़ी भीड़
मथुरा। अधिकमास ने देवशयन की अवधि बढ़ा दी है। इस बार श्री हरि चार महीने से अधिक 147 दिन पाताल द्वारपाल का दायित्व निभाएंगे। 23 नवंबर की देव उठान एकादशी को देव जागेंगे। इस दौरान शुभ कर्म करना तथा कई खाद्य पदार्थों का भोजन करना वर्जित रहेगा। आज देवशयनी एकादशी को ब्रज के मंदिरों व परिक्रमा मार्गों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। 29 जून को आज भक्तों ने देवशयनी एकादशी का पर्व मनाया। परंपरागत तरीके से घरों में भगवान -देवताओं को शयन करा दिए हैं। परंपरा के मुताबिक संत भक्त देव शयन की अवधि में चातुर्मास करेंगे। संतों, भक्तों ने बड़ी संख्या में एकादशी का व्रत रखा। –
बहुत से श्रद्धालुओं ने देवशयनी एकादशी पर अपने व्रत का उद्यापन भी किया। उद्यापन करने वालों ने व्रतियों को फलाहार कराया और 30 जून को अन्न का स्वादिष्ट भोजन करने के लिए आमंत्रण दिया । मंदिर देवालयों में सेवायतों ने एकादशी – पर आराध्यों का विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण के मध्य अभिषेक किया। नये वस्त्र धारण कराए। विविध भोग लगाए। फूल बंगले सजाए । रसिकों ने भजन गाकर आराध्यों को रिझाया। इस मौके पर मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, गोकुल, महावन, बल्देव के मंदिर देवालयों में देश विदेश से आए भक्तों की भीड़ लगी रही । दर्शन, परिक्रमा, दान करने वालों का तांता लगा रहा।