जीव कल्याण के लिए सर्वोत्तम ग्रंथ है श्रीमद्भागवत : रामप्रकाश भारद्वाज महाराज

 

वृन्दावन। गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमण्डल) में श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के पावन सानिध्य में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ यमुना तट से कथा स्थल तक धूमधाम से निकाली गई भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।व्यासपीठ से प्रख्यात भागवताचार्य श्रीहित रामप्रकाश भारद्वाज “मधुर” महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की महिमा बताते हुए कहा कि कलयुग में जीव के कल्याण के लिए यदि कोई सर्वोत्तम ग्रंथ है तो वह श्रीमद्भागवत महापुराण है।जिसके श्रवण मात्र से जीव भवसागर से पार उतर जाता है।उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में समस्त धर्म ग्रंथों का सार समाहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।इसका श्रवण जो व्यक्ति जिस कामना से करता है, उसकी वो कामना निश्चित ही पूर्ण होती है।इस अवसर पर आयोजन के मुख्य यजमान ब्रजेश तिवारी – श्रीमती दीपिका तिवारी (यू. एस.), महंत दंपति शरण महाराज (काकाजी), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, रासाचार्य देवेंद्र वशिष्ठ, राधावल्लभ वशिष्ठ, इंद्र शर्मा, प्रियाशरण शर्मा, ठाकुर दिनेश सिंह तरकर, लालू शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

विज्ञापन बॉक्स
विज्ञापन बॉक्स

Related Articles

Close
[avatar]