एनडीआरएफ के जवान बाढ़ पीड़ितों के लिए देवदूत से कम नहीं, गाजियाबाद और बनारस से आई है टीम पहुंची मथुरा

 

 

मथुरा। यमुना किनारा छोड़ अब रिहायशी इलाकों में कोहराम मचा रही है। यमुना का जल मथुरा-वृंदावन में हजारों घरों को अपनी जद में ले चुका है। घरों में फंसे लोगों के लिए एनडीआरएफ के जवान किसी देवदूत से कम नहीं हैं। ग्रामीण इलाको में एन डी आर एफ की टीम के साथ मांट के विधायक राजेश चौधरी बाढ़ ग्रस्त इलाको में कमान संभाले हुए है।

आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ के जवान अपनी जान हथेली पर रखकर उनका रेस्क्यू कर रहे हैं। मथुरा वृंदावन में अभी तक 500 से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा चुकी है। बाढ़ ने कोहराम मचाया तो केंद्र सरकार ने लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की दो टीम मथुरा के लिए रवाना कर दी। एक टीम गाजियाबाद से तो दूसरी टीम बनारस से आई दोनों टीमों में 50 से अधिक जवान हैं। इनके पास लाइफ सपोर्ट सिस्टम, वोट और रेस्क्यू करने का सभी सामान है।

शहर में लोगों को बचाने का जिम्मा गाजियाबाद की टीम ने संभाला है तो देहात इलाके में बनारस से आई टीम मोर्चा संभाले हुए है। बाढ़ में लोगों के लिए देवदूत बने एनडीआरएफ के जवान गत दिनों पहुंचे है। यहां पहुंचते ही टीम को सूचना मिली कि जयसिंह पूरा खादर में एक परिवार फंस गया है। टीम के जवानों ने बिना देर किए अपनी वोट तैयार की और पहुंच गए रेस्क्यू करने। रात के अंधेरे में राष्ट्रीय आपदा राहत फोर्स के जवान बाढ़ में फंसे परिवार के पास पहुंचे और उनका सकुशल रेस्क्यू किया। एनडीआरएफ की टीम ने पूरी रात में 24 इंसान और 47 पशुओं का रेस्क्यू किया। एनडीआरएफ की टीम जो शहर में तैनात है उसमें 25 जवान हैं। टीम का नेतृत्व संतोष शर्मा कर रहे हैं। संतोष शर्मा ने बताया कि एक रेस्क्यू पूरा करके आते हैं तब तक दूसरा टारगेट मिल जाता है। लेकिन उनको इस सबसे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि लोगों की जान बचाना ही काम है। संतोष शर्मा ने बताया कि टीम 24 घंटे में 500 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कर चुके हैं। इसके साथ ही सौ से ज्यादा पशुओं को भी सुरक्षित निकाला है।

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