
यमुना की दुर्दशा के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन न होना जिम्मेदार : उमा भारती
वृन्दावन । तीर्थनगरी वृन्दावन के घाटों से यमुना को प्रवाहमय देखने का स्वप्न संजोने वाली पूर्व केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री साध्वी उमा भारती ने कहा कि यदि आज यमुना घाटों से दूर है और मैली है तो इसके लिए शासन-प्रशासन द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन न किया जाना जिम्मेदार हैं।भाजपा की फायर ब्रांड नेता पुरुषोत्तम मास में कई दिनों तक स्थानीय गीता आश्रम में प्रवास कर साधनारत रहीं। इस दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा तथा बर्बर महिला अपराधों के लिए स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस जिम्मेदार है, जो घटना के बाद भी एक्शन मोड में नहीं दिखी और जब घटना वायरल वीडियो के माध्यम से मीडिया में आती है तो विपक्ष भी जागता है और सरकार की जाग उठती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि घटना सबके लिए
शर्मनाक है बल्कि सभी को समस्या के हल के लिए तत्पर होना चाहिए। वहीं मेवात में ब्रजयात्रा के दौरान हुई हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन शांति और सद्भावना के प्रतीक हैं । इनके लिए सभी को आगे बढ़कर सहयोग करना चाहिए। मथुरा और काशी के मंदिरों के न्यायालयों में चल रहे प्रकरण पर उन्होंने कहा कि 1991 में पूजास्थल अधिनियम पारित होने के दौरान संसद में तथा बाहर पार्टी की मुख्य वक्ता होने के नाते मैंने कहा था कि अयोध्या के साथ इन दोनों स्थलों को भी इस अधिनियम से परे रखा जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सनातन धर्म के चिन्ह इन स्थलों पर अद्यावधि विद्यमान हैं। मैंने खुद श्रृंगार गौरी का पूजन कई दफा किया है। मुस्लिम पक्ष के लोगों को हिंदुओं की आस्था का सम्मान करते हुए समन्वय और सामंजस्य से इस मुद्दे पर आगे आकर समाधान प्रस्तुत करना चाहिए । उन्होंने स्पष्ट किया कि मथुरा को लेकर समझौते के मुताबिक तय था कि मस्जिद की मरम्मत नहीं कराई जाएगी और जब ढांचे का स्वतः क्षरण हो जाएगा तो श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा । इसी प्रकार काशी में जहां मूल शिवलिंग की स्थिति सामने आ रही है वहां भी भगवान विश्वनाथ के भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए।