दशकों से बनी नई बस्ती के मकान भारी सुरक्षा के बीच रेल प्रशासन ने किए ध्वस्त

 

 

मथुरा। मथुरा- वृंदावन रेलवे लाइन नई बस्ती में आज रेल प्रशासन द्वारा भारी पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया जिसमें देखते हो देखते दो मंजिला और तीन मंजिला मकानों को बुलडोजर ने पलभर में जमींदोज कर दिया। कई-कई पीढ़ियों से इन घरों में रहते आ रहे लोगों को रेल प्रशासन द्वारा दो माह पूर्व आवास खाली करने का नोटिस दिया गया था लेकिन इसके बाद भी इन लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा तो आज रेल प्रशासन के अधिकारियों ने आरपीएफ, पुलिस और पीएसी के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से इस क्षेत्र में सुबह से घोरा डाल दिया। जिसे लेकर पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में जब कार्रवाई अमल में लाई गई तो अमरनाथ स्कूल के पास से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की और बुलडोजर ने गरजना शुरू कर दिया और कई मकान ढहा दिए गए।बताया गया है कि वर्ष 1988 में मंदिर बांके बिहारी की स्थापना के बाद इस रेल लाइन को डाला गया। मात्र 12 किलोमीटर की दूरी के लिए रेलवे द्वारा मीटरगेज लाइन यात्रियों के लिए चलाई गई। समय समय पर रेलवे द्वारा इस परिवर्तन किया गया राधा रानी एक्सप्रेस और रेल बस के नाम से इस रेल पटरी पर गाड़ियां दौड़ों लेकिन रेल प्रशासन को इससे आशा के अनुरूप फायदा नहीं हुआ। इसी को देखते हुए पिछले दिनों इस रेल लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया। इसी के तहत मथुरा से वृंदावन तक रेल लाइन को लगभग पूरी तरह हटाया जा चुका है। भूमि को समतलकर यहाँ नई रेल लाइन बिछाए जाने की तैयारियां चल रही है। इसी में रेल पटरी के सहारे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट लगभग दो सौ से अधिक आवासों का निर्माण लोगों द्वारा कर लिया गया जो ब्रॉडगेज रेलवे लाइन में बाधक था। इसे लेकर रेल प्रशासन द्वारा दो माह पूर्व यहां काबिज लोगों को नोटिस दिए गए थे। लेकिन इन पर अमल नहीं हो पाया और आज रेल प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मीडिया के लोगों को भी इस क्षेत्र में जाने से रोका वहीं जिन लोगों के मकान धराशाई हो रहे थे उन्हें छाती पीटते हुए बेहोस होते हुए देखा गया। उनका कहना था कि उनकी कई पीढ़ियां आवास में रहती आई । महिला शाईना ने बताया कि वह छह बच्चों की मां और तीस साल पहले शादी के बाद यहाँ दुल्हन के रूप में आई थी। आज उसका आशियाना उजाड़ा जा रहा है। इस तरह के अनेक लोग परेशान होते दिखाई दिए। कई लोगों का सामान भी बमुश्किल आग्रह अनुरोध के बाद पुलिस ने टैंपो व अन्य साधनों से ले जाने की इजाजत दी। इस सबसे लगभग चार घंटे तक जन्म स्थान क्षेत्र में मुख्य सड़क पर आवागमन बाधित रहा।

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