गौड़ीय संतारें ने ब्रज के विलुप्त तीर्थों का पुनरोद्धार किया है 

 

संत-विद्वत सम्मेलन एवं भंडारे के बीच सिद्ध बाबा के उत्सव का समापन 

– हजारों भक्तों ने मानसी गंगा की लगाई परिक्रमा 

गोवर्धन। चकलेश्वर स्थित मानसी गंगा के समीप संत कृष्ण दास सिद्ध बाबा के तीन दिवसीय वार्षिक तिरोभाव उत्सव का समापन संत-विद्वत सम्मेलन, परिक्रमा व भंडारे के साथ हुआ। भंडारे में दूर-दूर से आए हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। महोत्सव में ब्रज चैरासी कोस से आए गौड़ीय संत शामिल हुए। तिरोभाव महोत्सव का शुभारंभ अधिवास के साथ हुआ। अखंडनाम कीर्तन के बाद सिद्ध बाबा की समाधि स्थल पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन किया। श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु की लीला में 64 महंत के भोग ठाकुर जी के समक्ष लगाए गए। संत सभा में श्रीपाद रघुनाथ दास गोस्वामी गद्दी राधाकुंड के पीठाधीश्वर महंत केशव दास महाराज ने बताया गया कि प्राचीन समय में कृष्ण दास सिद्ध बाबा ने मानसी गंगा के तट पर रहते हुए भजन और तप किया है। उनको नौका विहार में साक्षात राधा-कृष्ण के दर्शन हुए हैं। सिद्ध बाबा की भजन स्थली से हजारों भक्तों की आस्था जुड़ी है। ब्रज चैरासी कोस की परिक्रमा में भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष अशोक नारायण दास महाराज ने बताया कि गौड़ीय संतों ने ब्रज के विलुप्त तीर्थों का पुनरोद्धार किया है। इसी के कारण हम भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के दर्शन कर पा रहे हैं। ब्रज के संत-महंतों का स्वागत सिद्ध बाबा आश्रम के महंत भगवान दास ने शाॅल-दुपट्टा व दक्षिणा देकर किया। समापन पर हरिनाम कीर्तन करते हुए पारंपरिक ढप-ढोलक, मृदंग की धुन पर गौड़ीय संतों ने परिक्रमा लगाई। इस अवसर पर पीठाधीश्वर महंत केशव दास महाराज, अशोक नारायण, गायक काजल कृष्ण दास, वादक कृष्ण दास, अद्वैत दास, महंत भगवान दास सुनील अग्रवाल आगरा वाले, आशीष बसंल, राकेश, कमल अग्रवाल, महंत नरहरि दास, गोविंद दास, हरिदास, कृष्ण दास, कृष्ण दास रनवारी वाले, जगन्नाथ उपाध्याय, व्यास परीक्षित दास महाराज, छैलबिहारी दास, राज ठाकुर, श्रीकांत दास, नित्यानंद दास, नवगौरांग दास, ललित दास, अम्बरीश, कुंजबिहारी, चैतन्य दास, भवानी दास आदि थे।

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