
यम की फांस से मुक्ति को भाई-बहन ने यमुना में लगाई डुबकी; ड्रोन से हुई निगरानी, गोताखोर और फोर्स रही तैनात
मथुरा।यम द्वितीय पर्व पर यम की फांस से मुक्ति के लिए यमुना में स्नान करने के लिए मध्य रात्रि बाद से ही भाई-बहन की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। भाई-बहनों ने एक-दूजे का हाथ पकड़ कर विश्राम घाट पर यमुना में डुबकी लगाई।इसके बाद यहां बने भाई-बहन के मंदिर के दर्शन किए। बहनों ने भाई का टीका कर लंबी आयु की कामना की।बुधवार को यम द्वितीया पर विश्राम घाट पर भोर होते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई। विश्राम घाट पर यमुना में भाई-बहन ने डुबकी लगाई। विश्राम घाट स्थित धर्मराजजी-यमुनाजी के मंदिर के दर्शन किए। भाई ने बहनों को उपहार दिए। सुबह होते ही विश्राम घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई।नगर निगम के अधिकारी माइक से गहरे पानी में स्नान न करने की सलाह देते नजर आए। गोताखोर भी मुस्तैद रहे। मोटरवोट का भी लोगों ने आनंद उठाया। यहां मेले जैसा माहौल था। एक तरह से कुंभ नजर आ रहा था। यह सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा। नगर निगम ने महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चैंजिंग रूम बनवाए। वहीं मोबाइल टायलेट की व्यवस्था की गई।यह है मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि बहन यमुना के विशेष अनुरोध से यमराज (धर्मराज) विश्रामघाट पर भाई दूज वाले दिनमिलने आए थे। यमुनाजी ने अपने भाई यमराज का स्वागत धूमधाम से किया। भाई यमराज ने बहन से वरदान मांगने को कहा। यमुनाजी ने कहा कि वह तीनों लोकों के पालनहार की पटरानी हैं। मेरे यहां किसी चीज की कमी नहीं हैं। मैं आपसे क्या मांगू।
वह कहते हैं कि की बहन मैंने तेरे यहां मुंह झूठा किया है, ये भार मेरे पर है। यमुना मैया बोली, भैया अगर कुछ देना ही है तो यह वरदान दें कि जो भी मेरे अंदर स्नान करेगा, वह यमलोक न जाकर सीधा स्वर्ग जाएगा।भैया यमराज ने कहा कि ऐसे तो उनका लोक खाली हो जाएगा, लेकिन भाई-दूज वाले दिन जो भी भाई-बहन विश्राम घाट पर स्नान करेंगे और मंदिर के दर्शन करेंगे, वह स्वर्ग में जाएंगे। देश-दुनिया से भाई-बहन यम की फांस से मुक्ति को यम द्वितीया पर स्नान करने यहां आतेहैं।