
महाविद्यालय में शोध पद्धति शास्त्र” विषय पर आयोजित हुई कार्यशाला को संबोधित चिकित्सा विश्वविद्यालय,मथुरा के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राकेश
मथुरा।किशोरी रमण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मथुरा के संस्कृति सभागार में “शोध पद्धति शास्त्र” विषय पर आयोजित कार्यशाला के तृतीय दिवस पर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय,मथुरा के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राकेश गोयल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इन्होंने अपने संभाषण में उपस्थित प्राध्यापको एवं विद्यार्थियों को शोध में “प्लैगरिज्म” अर्थात साहित्य चोरी तथा डाटा कलेक्शन (तथ्य संग्रहण) के विषय में महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत करवाया।
इस कार्यशाला के मुख्य संरक्षक महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डा.) प्रवीण कुमार अग्रवाल ने कहा कि महाविद्यालय में आयोजित की गई कार्यशाला में विद्यार्थियों एवं प्राध्यापको को शोध पद्धति से पुनःपरिचित कराने का प्रयास किया गया है एवं ऐसी कार्यशालाओ को महाविद्यालय में पुनः आयोजित किए जाने का सतत प्रयास किया जाता रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग के प्रो. अनिल सक्सेना ने किया। उन्होंने महाविद्यालय के विद्यार्थियों से अहवाहन किया कि वे महाविद्यालय के आधिकारिक चैनल को सब्सक्राइब करें जिससे उन्हें शोध के विषय में नित्य नई जानकारियां प्राप्त हो सके।
प्रोफेसर (डॉ.) राजेश अग्रवाल एवं डॉ. अशोक कौशिक ने कार्यशाला के मीडिया प्रचार की जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
इस कार्यक्रम की अन्य व्यवस्थाएं प्रो. कामना पंड्या, प्रो. देवेंद्र कुमार, डॉ नवीन अग्रवाल, अशोक पुष्कर, डॉ प्रभात वर्मा, डॉ. प्रवीण ओझा, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. धीरज कुमार, श्री अनिल कुमार, अरविंद कुमार चौरसिया, अरुणेश कुमार ओझा, श्री हिमांशु तिवारी, डॉ. नरेंद्र सिंह,ने संभाली।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के कई अन्य वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. शशि किरण, प्रो. शालिनी सक्सेना, डॉ. मुकेश अग्रवाल, प्रो. यदुराज सिंह यादव, प्रो. संजीव कुमार श्रीवास्तव, प्रो. अमर कुमार, डॉ. राजेश गौतम, प्रो. विमलेश, प्रो. सुलेखा जादौन, प्रो. चिंतामणि देवी, प्रो. निशा राठौर, डॉ. उमेश शर्मा, डॉ प्रमोद पाल सिंह, डॉ दिव्या द्विवेदी, डॉ. राजेश सारस्वत, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ. अजय उपाध्याय, डॉ. रामदत्त मिश्रा, डॉ विजय नारायण, डॉ. ममता रानी कौशिक, डॉ वंदना चौहान तथा डॉ दीप्ति सिंह ने भी सराहना की।कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को कार्यशाला प्रतिभाग के प्रमाण- पत्र प्रदान किए गए।