
राम मंदिर से ‘अक्षत कलश’ पहुंचे वृंदावन
मथुरा।वृन्दावन स्थित केशव धाम में अयोध्या से पहुंचे अक्षत कलश का पूजन रविवार को संतों और संघ के पदाधिकारियों ने किया। इस कलश के अक्षत घर-घर में बांटे जाएंगे। जिसका उद्देश्य हर व्यक्ति को राम मंदिर जाने के लिए निमंत्रण देना है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद ने श्रीराममंदिर अयोध्या से आए अक्षत कलश का पूजन अर्चन कर भव्य स्वागत किया। महंत फूलडोलबिहारी दास महाराज ने कहा कि राम जन्मभूमि एवं काशी विश्वनाथ मंदिर सनातन धर्म के शाश्वत प्रतीक हैं। यह अत्यन्त मांगलिक प्रसंग है कि राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा नवीन मंदिर में हो रही है। जो नवयुग का सूत्रपात है। राम जन्मभूमि से आए यह अक्षत अब घर घर को पवित्र करेगें। स्वामी महेशानन्द सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म के लिए महान पर्व का दिन है कि भगवान के मंदिर का 22 जनवरी 2024 को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में होने जा रहा आयोजन भारतवर्ष के संतों व विद्वानो की उपस्थिति से ऐतिहासिक होगा। विश्व हिंदू परिषद् के प्रान्त संगठन मंत्री राजेश कुमार ने बताया अयोध्या से अक्षत आए हैं पूज्य संतो, मातृशक्ति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्वहिंदू परिषद के कार्यकर्ताओ के द्वारा
पूजन का कार्यक्रम हुआ। सभी कार्यकर्ता इन अक्षतों को लेकर के 1 जनवरी से 15 जनवरी तक संपूर्ण भारत के प्रत्येक हिंदू घर तक इन अक्षत को लेकर जाएंगे। अक्षत के साथ एक मन्दिर का चित्र भी दिया जायेगा। 22 जनवरी वह दिन है जिसके लिए 500 वर्षों से सनातन समाज प्रतीक्षा कर रहा था। लाखों हजारों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। 22 जनवरी को उस मंदिर में रामलाल बिराजमान होगे।आचार्य अतुल कृष्ण शास्त्री ने कहा अब लग रहा है देव शक्तियों ‘जाग रही है। चाहे राम जन्मभूमि का विषय हो चाहे गौमाता का सारे विषयों पर देश के लोग काम कर रहे हैं। अब भारत शीघ्र ही विश्व गुरु बनेगा। संघ के विभाग प्रचारक अरुण कुमार ने कहा श्रीराम जन्मभूमि का 572 वर्षों से ज्यादा संघर्ष का इतिहास रहा है 22 जनवरी को यह लगना चाहिए कि भगवान राम जब वनवास से लौटे होंगे जब जिस प्रकार का केशव धाम चित्र बना था वैसा ही चित्र हम सबकी अपनी आंखों के सामने वर्तमान में होना चाहिए। इस अवसर पर आचार्य संजीव कृष्ण, जिला प्रचारक चंद्रशेखर, महंत मोहिनी बिहारी शरण, स्वामी राधा प्रसाद देव जू महाराज, स्वामी श्याम सुन्दर महाराज, स्वामी दशरथ दास महाराज, स्वामी कृष्णानंद महाराज, कार्णी नागेन्द्र महाराज, स्वामी चन्द्रदास महाराज, स्वामी सत्यमित्रानन्द महाराज, केशव धाम निदेशक ललित जी, अरुण कुमार, जिला कार्यवाह अरुण दीक्षित, प्रधानाचार्या प्रेमा पानू, गिर्राज शर्मा आदि उपस्थित रहे।