जय लंकेश के जय घोष के साथ हुई त्रिकालदर्शी दशानन की महाआरती

मथुरा। लंकेश भक्त मंडल के द्वारा त्रिकालदर्शी दशानन की बुधवार को यमुना तलहटी स्थित शिव मंदिर मैं पूजा अर्चना कर महाआरती की गई। पुतला दहन करने की कुप्रथा को तत्काल बंद करने की सरकार से मांग की गई। हर वर्ष रावण के पुतला दहन की कुप्रथा को भगवान श्री राम के आदर्शों का अपमान बताया गया। रामलीला मैदान में लंकेश का भव्य मंदिर बनवाने के लिए तैयारी की जा रही है।
यमुना पार स्थित पूल के पास यमुना तलहटी में वने शिव मंदिर में दशहरा के अवसर पर रावण के स्वरूप के द्वारा पहले महादेव जी का अभिषेक किया गया। लंकेश भक्त मंडल के द्वारा फिर दशानन की पूजा अर्चना कर महा आरती की गई। इस मौके पर लंकेश भक्त मंडल के अध्यक्ष ओमवीर सारस्वत एडवोकेट ने कहा कि भगवान शिव के प्रिय भक्त त्रिकालदर्शी महाराज रावण का पुतला दहन नहीं करना चाहिए। प्रकांड विद्वान ब्राह्मण रावण की विद्वता को जब भगवान श्री राम ने मानकर उनसे लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए सेतु बंधु रामेश्वरम जीव स्थापना के समय रावण से पूजा कराई थी और और लंका पर विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद लिया था। जब भगवान श्री राम ने रावण की विद्वता को मानकर उनको अपना आचार्य नियुक्त कर किया था तो अब समाज के चंद लोग क्यों रावण का पुतला हर साल दहन कर के भगवान श्री राम का अपमान करते हैं। भगवान श्री राम के आदर्शों को मानकर हमे पुतला दहन करने की कुप्रथा पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए। हिंदू संस्कृति में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार एक बार ही होता है किसी मरे हुए व्यक्ति का पुतला दहन नहीं होता है। उन्होंने क्षण जो लोग पुतला दहन करतें हैं वो लोग न तो भगवान श्री राम जैसे चरित्रवान है और न ही भगवान श्री राम जैसे मर्यादावन हैं। इसलिए पुतला दहन बंद करके रावण की अच्छाइयों से सीख लेनी चाहिए।
इस मौके पर संजय सारस्वत ब्रजेश सारस्वत, कुलदीप अवस्थी देवेंद्र वर्मा एडवोकेट अजय शर्मा, धीरेंद्र सारस्वत अजय सारस्वत अशोक सारस्वत भूपेंद्र धनगर यमुना यादव, एस के सारस्वत, उमाशंकर सारस्वत मुकेश सारस्वत, रजत सारस्वत, सी एस धनगर अनिल सारस्वत धराजीत सारस्वत आदि ने कार्यकर्म में भाग लिया।

 

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