
शहीद हेमू कालाणी का 81 वां बलिदान दिवस पर उन्हें भावपूर्ण दी श्रद्धांजलि
मथुरा।सिंधी सपूत शहीद हेमू कालाणी के 81 वें बलिदान दिवस पर बहादुर पुरा स्थित स्वामी लीलाशाह सिंधी धर्मशाला में सिंधी जनरल पंचायत ने युवा देशभक्त की कहानियां सुनाकर सिंधी सपूत के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
मीडिया प्रभारी किशोर इसरानी ने बताया कि शहीद भगत सिंह को अपना आइडल मानने वाले सिंधी सपूत हेमू कालाणी का जन्म 23 मार्च 1923 को हुआ था, वह जब मात्र 7 वर्ष के थे तब वह तिरंगा लेकर अंग्रेजो की बस्ती में अपने दोस्तों के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों का नेतृत्व करते थे | एक बार उन्होंने अंग्रेजों की ट्रेन पलटाने के उद्देश्य से पटरियां उखाड़नी शुरू की किन्तु वह पकड़े गए। पटरियां उखाड़ने के आरोप में पहले दस वर्ष के कारावास की सजा दी गई, किन्तु जब हैदराबाद मुख्यालय के प्रमुख कर्नल रिचर्डसन के सामने हेमू कालाणी ने न साथियों के नाम बताए और न ही माफी मांगी तब मात्र 19 वर्ष की उम्र में उन्हें 21 जनवरी 1943 को फांसी दे दी गई।
सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष नारायणदास लखवानी ने युवाओं को हेमू कालाणी के बलिदान से सीख लेकर देश सेवा करने हेतु आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि सिंधी समाज हेमू कालाणी के बलिदान को कभी नहीं भुला सकता।
उपाध्यक्ष रामचंद्र खत्री ने कहा कि जिस उम्र में आज के युवा फिल्मी कलाकारों को अपना आइडल मान रहे हैं, उससे भी कम उम्र में सिंधी सपूत हेमू कालाणी ने शहीद भगत सिंह को अपना आइडल मान लिया था। मात्र 19 वर्ष की आयु में देश के लिए अपना बलिदान देने वाले हेमू कालाणी से समाज को सीख लेनी चाहिए।
मंत्री गुरमुखदास गंगवानी ने कहा कि हेमू कालाणी के बलिदान दिवस पर हम यह संकल्प लें कि समाज के उत्थान एवं सामाजिक व राजनीतिक अधिकारों की प्राप्ति हेतु समय-समय पर एकजुट होकर सामाजिक कार्य करते रहेंगे।इस मौके पर सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष नारायण दास लखवानी, उपाध्यक्ष रामचंद्र खत्री, उपाध्यक्ष जीवतराम चंदानी, महामंत्री बसंत लाल मंगलानी, मंत्री गुरूमुखदास गंगवानी, मीडिया प्रभारी किशोर इसरानी, सुरेश मनसुखानी, भगवान दास बेबू , दौलतराम खत्री, जितेंद्र भाटिया, संजय लखवानी आदि ने हेमू कालाणी को श्रद्धांजलि अर्पित की।