विश्वकल्याण को 15 दिन से स्वयंसेवक कर रहे हैं हवन

कोरोना  महामारी के खात्मे को संघ कार्यालय पर हवन जारी
मथुरा। विश्वकल्याण के लिये और भारत में फैली हुई कोरोना महामारी को शीघ्र समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा विभाग कार्यालय मथुरा में 22 अप्रैल से स्वयंसेवकों द्वारा निरंतर हवन किया जा रहा है, गुरूवार भी जारी रहा। आरएसएस के विभाग प्रचारक गोविन्दजी ने कहा कि हवन हमारे यहां की प्राचीन परम्परा है, हवन यज्ञ में देशी गाय के घी के जलने पर ऑक्सीजन का स्तर भी अच्छा रहता है।
गौरतलब हो कि हवन का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की धर्म जागरण गतिविधि के तत्वावधान में कराया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभाग प्रचारक गोविन्दजी ने बताया कि हवन हमारे यहाँ की प्रचीन परम्परा है। पूर्व काल से ही हमारे ऋषी- महर्षि समाज सुधारक यह करते आये हैं। हवन पूर्णतः वैज्ञानिक क्रिया है। यज्ञ़ में जब जड़ी बूटी (हवन सामग्री) जलती है तो फार्मल्दीहाईड गैस बनती है।जिससे विभिन्न प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि देसी गाय के घी के जलने पर ऑक्सीजन का स्तर भी अच्छा रहता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा संघ की धर्म जागरण गतिविधि की ओर से स्वयंसेवकों द्वारा 51 स्थानों पर सामग्री, समिधा पहुंचाकर एक मई से यज्ञ प्रारंभ कराया गया है।
कोरोना  महामारी के खात्मे को संघ कार्यालय पर हवन जारी
– विश्वकल्याण को 15 दिन से  स्वयंसेवक कर रहे हैं हवन
मथुरा। विश्वकल्याण के लिये और भारत में फैली हुई कोरोना महामारी को शीघ्र समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा विभाग कार्यालय मथुरा में 22 अप्रैल से स्वयंसेवकों द्वारा निरंतर हवन किया जा रहा है, गुरूवार भी जारी रहा। आरएसएस के विभाग प्रचारक गोविन्दजी ने कहा कि हवन हमारे यहां की प्राचीन परम्परा है, हवन यज्ञ में देशी गाय के घी के जलने पर ऑक्सीजन का स्तर भी अच्छा रहता है।
गौरतलब हो कि हवन का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की धर्म जागरण गतिविधि के तत्वावधान में कराया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभाग प्रचारक गोविन्दजी ने बताया कि हवन हमारे यहाँ की प्रचीन परम्परा है। पूर्व काल से ही हमारे ऋषी- महर्षि समाज सुधारक यह करते आये हैं। हवन पूर्णतः वैज्ञानिक क्रिया है। यज्ञ़ में जब जड़ी बूटी (हवन सामग्री) जलती है तो फार्मल्दीहाईड गैस बनती है।जिससे विभिन्न प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि देसी गाय के घी के जलने पर ऑक्सीजन का स्तर भी अच्छा रहता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा संघ की धर्म जागरण गतिविधि की ओर से स्वयंसेवकों द्वारा 51 स्थानों पर सामग्री, समिधा पहुंचाकर एक मई से यज्ञ प्रारंभ कराया गया है।

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