
राधावल्लभजी मंदिर में धूमधाम के साथ तीन दिवसीय वृन्दावन महोत्सव हुआ संपन्न
तेरस ते-रस प्रगट भयौ…
मदनटेर से रासमण्डल तक निकली शोभायात्रा का जगह-जगह पर हुआ भव्य स्वागत
वृन्दावन। कान्हा की नगरी वृन्दावन धाम के राधावल्लभजी मंदिर में चल रहे तीन दिवसीय श्रीहित वृन्दावन महोत्सव बुधवार के दिन बड़े ही धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। तीन दिवसीय वृन्दावन महोत्सव में श्रद्धालुओं को ब्रज रस की अद्भुत वर्षा देखने को मिली। जिसमें ब्रजवासियों सहित दूर-दराज से आए श्रद्धालु भी श्री राधा नाम संकीर्तन में झूमते हुए नजर आए। राधावल्लभजी मंदिर में तीन दिवसीय वृन्दावन महोत्सव का शुभारंभ कार्तिक मास की एकादशी से होता है। शुभारंभ के पहले दिन भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। जिसमें ब्रज रसिक मधुकर द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया व पोटोत्सव के दूसरे दिन मुंबई से आए कलाकारों ने ब्रज की संस्कृति पर नृत्य कर मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। राधावल्लभजी मंदिर के श्रीहित मोहित मराल गोस्वामी महाराज ने बताया कि वृन्दावन धाम में तेरस ते-रस प्रगट भयौ है। आज के दिन वृन्दावन धाम का 514 वां पाटोत्सव श्रीहित वृन्दावन महोत्सव के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि 514 वर्ष पूर्व वंशी अवतार श्रीहित हरिवंश चन्द्र महाप्रभु ने राधावल्लभ लाल जू महाराज का विग्रह ऊंची ठौर स्थित मदनटेर पर लता-पताओं में विराजमान किया था। इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ राधावल्लभ संप्रदाय में श्रीहित वृन्दावन महोत्सव मनाया जाता है।
वृन्दावन पाटोत्सव के तीसरे दिन तेरस को मदनटेर से लेकर बड़ा रासमण्डल तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सभी ब्रजवासियों सहित हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शोभायात्रा का वृन्दावन के परिक्रमा मार्ग में नगर वासियों ने जगह-जगह पर फूल-मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया। शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ मदनटेर से राधावल्लभ लाल एवं हरिवंश महाप्रभु के चित्रपट को घोड़ा-बग्गी में सवार कर रासमण्डल के लिए निकली। जिसमें सभी भक्तजन हरिनाम संकीर्तन के साथ झूमते हुए नजर आए। इसी उपलक्ष्य में रासमण्डल पर हजारों संतों एवं भक्तजनों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर राधेश लाल गोस्वामी टिकैत अधिकारी, मोहित मराल गोस्वामी महाराज, शोभित लाल गोस्वामी, महंत लाड़ली शरण महाराज, आनंद गोस्वामी, महंत दम्पति शरण महाराज, ब्रजानंद गोस्वामी, नवलदास पुजारी, सेवक शरण बाबा, रसिक दास बाबा, सुक्राम दास बाबा, प्रिया शरण बाबा, इन्दु बहन, दिनेश सिंह तरकर सहित हजारों भक्त मुख्य रूप से मौजूद रहे।