गिरिराज की झांकी सजाकर छप्पन भोग लगाया, भक्तों ने गाए भजन और फाग गीत

 

 

गोवर्धनः बसंत पंचमी पर जहां समूची ब्रजभूमि बसंती चादर ओढ़े नजर आई, वहीं गिरिराज तलहटी के राधाकुण्ड में होली का डांढा गड़ने के साथ राधारानी और गिरिराज जी के चरणों में गुलाल अर्पित कर राधा- कृष्ण संगम कुंड पर गिरिराज जी की भव्य झांकी सजाकर छप्पन भोग लगाया गया। मंदिर में ढप बजने के साथ ही समाज गायन की परंपरा भी प्रारंभ हो गयी. भक्तों ने भजन और फाग गीत गाकर प्रभु का आंगन भक्तिमय बना दिया। बुधवार को ऋतुराज वसंत का आगमन होते ही संगम कुंड पर गिरिराज प्रभु की भव्य झांकी सजाई गई जिसमें सुंदर पोशाक और गुब्बारों से सजाया गया। और छप्पन भोग आरोगा गया। गिरिराज प्रभु ने वसंती परिधानों में भक्तों को दर्शन दिए। ढप, मृदंग, ढोल, झांझ मजीरा की धुन पर गाए गए होली के पदों पर गिरिराज प्रभु मंदिर गुंजायमान हो उठा। इससे पहले सुबह सेवायत मुरारी गोस्वामी गिरिराज प्रभु को बसंती पोशाक धारण कर दर्शन कराए तो गिरिराज जी और राधारानी के जयकारे से

गिरिराज की झांकी सजाकर छप्पन भोग लगाया, भक्तों ने गाए भजन और फाग गीतमंदिर गूंज उठा। पूर्व सेवायत डा. विष्णु रावत ने छप्पन भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद वितरण किया। गिरिराज जी के चरणों मे गुलाल अर्पित कर चालीस दिनी होली, समाज गायन की शुरुआत की गई। पंडा समाज ने होली भजन, पद गायन, रसिया आदि समाज गायन

किया गया. वहीं श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में होली के भजनों, रसियाओं पर जमकर नृत्य किया। इस अवसर पर डॉ. विष्णु रावत, रामेश्वर देशला, पप्पू पुरोहित, श्याम, भण्डारी, भोला दुवे, मुन्ना गौड, छैल विहारी गोस्वामी, मोहन काका, बिज्जू पंडा आदि पंडा समाज उपस्थित रहा।

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