
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अनुशासनहीनता करने वाले तीन नेता को पार्टी से निकाला, एसके शर्मा भी शामिल
भाजपा का दामन खुद छोड़ दिया, बसपा से निकाल दिए गए एसके शर्मा
मथुरा। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मथुरा की विधानसभाओं चुनाव लड़े तीन प्रत्याशियों को पार्टी से बाहर कर दिया है। निष्कासित किये गए तीनों प्रत्याशियों पर अनुशासनहीनता का आरोप है। बसपा ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े मथुरा वृंदावन विधानसभा सीट से प्रत्याशी एस के शर्मा, गोवर्धन से चुनाव लड़े पूर्व विधायक राजकुमार रावत व छाता से चुनाव लड़े सोनपाल सिंह को बसपा से निष्कासित कर दिया है। भाजपा का दामन पहले छोड़ दिया था एसके शर्मा ने अब बसपा ने भी उन्हें निकाल दिया है। उनका कहना है कि उन्हेंने स्वयं ही इस्तीफा दिया है।
गुरुवार को बसपा से निष्कासित किये गए मथुरा वृंदावन सीट से प्रत्याशी एस के शर्मा ने बताया कि उन्होंने 11 मार्च को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। कई बार बैठकों में बुलाने का फोन आया लेकिन उन्होंने जाने से साफ मना कर दिया। बसपा उन पर अनुशासन हीनता का गलत आरोप लगा रही है। गुरुवार बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष योगेश कुमार ने बताया कि तीनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। जिलाध्यक्ष योगेश कुमार ने बयान जारी करके बताया कि एस के शर्मा, राजकुमार रावत व सोनपाल सिंह को पार्टी में अनुशासन हीनता अपनाने के कारण निष्कासित किया गया है। योगेश कुमार ने बताया कि अनुशासन हीनता के बारे में इनको कई बार चेतावनी दी गयी लेकिन इसके बावजूद भी इनकी कार्य शैली में कोई सुधार नहीं आया। जिसकी बजह से पार्टी हित में इन लोगों को बसपा से निष्कासित कर दिया गया है।
न घर के रहे, न घाट के रहे एसके शर्मा
वर्ष 2017 में एसके शर्मा ने मांट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन बसपा के श्याम सुंदर शर्मा से हार गए थे। इस बार फिर भाजपा से प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर वह पूरी तरह आश्वास्त थे। लेकिन इस बार उनके स्थान पर राजेश चौधरी को भाजपा ने मांट से प्रत्याशी बनाया था। इस बात से गुस्साए एसके शर्मा ने पार्टी नेतृत्व को इस्तीफा भेज दिया था और बसपा की टिकट पर ये चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें बड़ी हार झेलनी पड़ी। एसके शर्मा को कुछ माह पहले केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स मंत्रालय भारत सरकार में डायरेक्टर बनाया गया था। इस्तीफा देने के बाद एसके शर्मा ने कहा था कि मेरे साथ धोखा हुआ है। अब बसपा ने भी उन्हें निष्कासित कर दिया।