
स्वाँग- कृष्ण भक्त रसखान ने भाव विभोर किया
मथुरा ।भगवान कृष्ण के परम भक्त संत रसखान का भव्य दिव्य मंचन भक्तिपूर्ण एवं भावपूर्ण मंचन से दर्शकों के नयन सजल हो उठे!
ब्रज क्षेत्र की चर्चित नाट्य संस्था ब्रज जागृति रंग मण्डल मथुरा के कलाकारों ने देश के प्रख्यात रंगकर्मी रंगाचार्य पंडित लोकेंद्र नाथ कौशिक के सफल एवं प्रभावी निर्देशन में कृष्ण भक्त रसखान का भावपूर्ण मंचन दो दिनों तक प्रत्येक दिन तीन शो – गोकुल रमणरेती स्थित रसखान समाधि स्मारक स्थल, गोकुल ठकुरानी मोहन घाट यमुना किनारे तथा मथुरा पुण्य तीर्थ यमुना विश्राम घाट, स्वामीघाट, चक्रतीर्थ घाटों पर स्वाँग प्रेमी दर्शकों की भारी भीड़ में सैकड़ों देशी विदेशी पर्यटक मंत्र मुग्ध प्रभावी प्रस्तुति को टकटकी लगाये देखते रहे ।
कृष्ण भक्ती में अर्ध पागल हुए रसखान की भूमिका में प्रखर अभिनय के धनी ब्रज मण्डल के वरिष्ठ रंगकर्मी रंगाचार्य पंडित लोकेंद्र नाथ कौशिक स्वयं कर रहे थे
सैयद इब्राहिम कृष्ण की मोहिनी मूरत के प्रेमी थे वह कृष्ण विरह में संपूर्ण ब्रज में मारे मारे कृष्ण दर्शन की लालसा लिए भटक रहे । सनातनी वैष्णवों एवं संतों के मार्ग दर्शन में कुंज कुटीर में राधा जी के चरणों की सेवा करते भगवान ने दर्शन दिए तब सैयद इब्राहिम से कृष्ण भक्ति के रस में पागल सनातनी बन रसखान के नाम से जगत में प्रख्यात हुआ, कार्यक्रम का संयोजन सुश्री रेनु उपाध्याय ने किया स्वाँग के निर्देशक ब्रज के मुख्य लोक नाट्य(स्वाँग विशेषज्ञ)पंडित लोकेंद्र नाथ कौशिक ने कहा की भक्त रासख़ान ,मीरा जैसे चरित्रों का मंचन होते रहना चाहिए साहित्य लेखिका श्री आशा चतुर्वेदी ने स्वाँग प्रस्तुति के लिए कलाकारों को ब्रज लोक संस्कृति को बचाये रखने के लिए आभार व्यक्त किया। युवा रसखान की भूमिका में लेखराज जिनकी गायकी की सराहना मुक्त कंठ से की गई। सेठ की भूमिका सौरभ कौशिक, सेठानी की भूमिका चाँदतारा, वैष्णवों की भूमिका बच्चू सिंह और चाँदनी सिंह, दरबान की भूमिका में चौधरी राजवीर सिंह, गोस्वामी विट्ठल नाथ जी की भूमिका में शास्त्री पंडित बसंत लाल चतुर्वेदी व प्रस्तुति में प्रमुख पात्र थे बालकृष्ण- वेदान्त कौशिक, रंगा- चौधरी भूपेश सिंह सूत्रधार की प्रभावी भूमिका में दीपक जादोन का अभिनय सभी का मन मोहित कर गया, कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री रत्नेश चतुर्वेदी, चिन्ताहरी जी, कुशलपाल शर्मा आदि उपस्थित थे