अत्यंत महिमामयी व उत्सवधर्मी है कार्तिक मास : यदुनंदनाचार्य

 

वृन्दावन।तेहरा-रुक्मिणी विहार क्षेत्र स्थित ठाकुर मतोवन बिहारी मन्दिर में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में विश्व कल्याणार्थ श्रीमद्भागवत कथा रस महोत्सव महंत राधारमण दास त्यागी महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।
व्यासासन से अपना उद्बोधन देते हुए आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत महिमामयी मास है।क्योंकि कार्तिक मास के अधिदेव राधाकृष्ण हैं।इसीलिए इसे दामोदर मास भी कहा गया है।इस मास में किए गए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान शत गुणा फल प्रदान करने वाले होते हैं। “स्कन्द पुराण” एवं “श्रीभक्ति विलास” आदि ग्रंथों में इस मास की महिमा का विस्तार से वर्णन है।
आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत उत्सवधर्मी मास है।इस माह में शरद पूर्णिमा, करवाचौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, गौवत्स द्वादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गिरिराज गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया, भैया दौज, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, देवोत्थान एकादशी एवं तुलसी शालिग्राम विवाह महोत्सव आदि जैसे अनेक मांगलिक उत्सव हैं। जो कि भारतीय वैदिक संस्कृति के प्राण हैं। इन पर्वों व त्योहारों से भारतीय वैदिक संस्कृति निरन्तर पल्लवित व पोषित होती है।
इस अवसर पर परिक्रमा मार्ग स्थित ठाकुर राधा सर्वेश्वर मन्दिर से श्रीमद्भागवत जी की भव्य शोभायात्रा बैंड-बाजों के साथ नगर भ्रमण कर कथा स्थल तक निकाली गई।पीत वस्त्र धारण किए हुए 251 महिलाएं अपने सिर पर कलश धारण किए हुए और मंगल गान करते हुए साथ चल रही थीं विभिन्न अखाड़ों की शाही सवारियां व उनके निशान भी साथ चल रहे थे।शोभायात्रा का नगर वासियों ने जगह – जगह पुष्प वर्षा कर व आरती उतारकर भव्य स्वागत किया।
महोत्सव में ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख धर्माचार्य वेदान्त आचार्य, महावीर प्रधान,अनिल गोस्वामी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा व सत्य नारायण शास्त्री आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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