
मुस्लिम पक्ष हमेशा से अतिक्रमणकारी रहा हैः दिनेश
मथुरा। श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से मस्जिद हटाने वाले केस में सुनवाई हुई, पिछली डेट पर सभी मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं के मध्य में बहस पूरी हो चुकी थी, लेकिन एडवोकेट महमूद प्राचा ने अपना नया प्रार्थना लगाया था। उन्होंने कहा था कि हमको भी सुना जाए, इसलिए न्यायालय ने 4 जून की डेट लगा दी थी, लेकिन महमूद प्राचा उस समय उपस्थित नहीं हो सके। इसलिए न्यायालय ने 6 जून की डेट लगाई थी। न्यायालय ने मुस्लिम अधिवक्ता महमूद प्राचा को सुना और सुनने के बाद में उन्होंने फैसला रिजर्व कर दिया। श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का केस लड़ रहे पक्षकार दिनेश शर्मा ने बताया कि महमूद प्राचा ने भी उन्ही बिंदुओं पर बहस की थी जिन बिंदुओं पर उनके साथी अधिवक्ता बहस कर
चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास नया कुछ नहीं है सुनाने के लिए, इसलिए उन्ही बिंदुओं को बार-बार दोहराया जा रहा है। वह न्यायालय का समय बर्बाद कर रहे हैं। दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास कोई भी प्राचीन साक्ष्य नहीं है जिससे वह यह कह सके कि यह मस्जिद पहले बनी है। दिनेश शर्मा ने कहा कि हिंदू पक्ष के
बनारस के राजा पटनीमल से खरीदा था। इस जमीन को मदन मोहन मालवीय आदि ने खरीदा था। यह जमीन निजी जमीन थी इस पर अवैध कब्जा किया गया था मुस्लिम शासको द्वारा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास बिजली का बिल भी नहीं है, वह बिजली भी चोरी से जलाते हैं और बिजली विभाग में दिनेश शर्मा द्वारा शिकायत करने के बाद मुकदमा दर्ज करके 3 लाख का जमाना किया था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष हमेशा से अतिक्रमणकारी रहा है, यह लोग दूसरों की जमीनों पर कब्जा करके मस्जिद बनाते हैं।