शाही मस्जिद ईदगाह वक्फ की संपत्ति नहीं

 

 

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह के बीच इलाहाबाद न्यायालय में चल रहे विवाद में अब एक नया मामला सामने आया है।अब तक दायर मामलों में ज्यादातर में वादी पक्ष ने उत्तर प्रदेश सुत्री सेंट्रल वक्फ बोर्ड को प्रतिवादी बनाया है। दरअसल, श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले में न्यायालय में अब तक दायर 20 वादों में ज्यादातर में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के साथ ही उत्तर प्रदेश सुत्री सेंट्रल वक्फबोर्ड को भी प्रतिवादी बनाया गया है। इस मामले में एक वादी वृंदावन निवासी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने जवाहर भवन लखनऊ स्थित सर्वे कमिश्नर वक्फ के

कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फसंपत्ति के प्रारंभिक सर्वे के लिए नोटिफिकेशन आफिशियल गजट में कब प्रकाशित किया। क्या शाही मस्जिद ईदगाह वक्फसंपत्ति है। उन्हें सर्वे कमिश्नर के कार्यालय से 31 मई को जवाब मिला कि शाही मस्जिद ईदगाह डीग गेट के नाम से कोई वक्फ संपत्ति अंकित नहीं है। महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बार-बार ईदगाह कमेटी इसे वक्फ संपत्ति बताती है। इसलिए अब न्यायालय में आरटीआइ का जवाब दाखिल कर बताया जाएगा कि ईदगाह कमेटी झूठ बोल रही है।

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