मथुरा को जलभराव से बचाने को मेयर-नगर आयुक्त कर रहे भारी कवायद

 

 

मथुरा ।  जनपद में मानसून ने दस्तक के बाद शहर की सड़कों से लेकर नालों तक की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है। भूतेश्वर और नया बस अड्डा अंडरपास की स्थिति भी जस की तस बनी है। शहरवासियों को एक बार फिर से बारिश के जल भराव से दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।नगर निगम के मेयर और नगर आयुक्त रात दिन नालों की सफाई और सड़को पर जल भराव न हो इसके लिये हर संभव प्रयास करने में जुटे है।

गुरूवार को महापौर विनोद अग्रवाल द्वारा मानसून के समय होने वाले जलभराव को दूर करने के लिये नगर निगम के उच्च स्तरीय अधिकारियो के साथ भैंस बहौरा केआर डिग्री कॉलेज महोली रोड बीएसए कॉलेज वाले नाले का स्थलीय निरीक्षण किया गया।

महापौर श्री अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही जलभराव की समस्या को दूर करने का हर संभव प्रयास किया है। इस समस्या को दूर करने में सबसे बड़ी दिक्कत नालों के बीच में आ रही विद्युत विभाग की केबिल

लाख आबादी है।जलनिकासी केलिए शहर में कुल 72 नाले

हैं। इनमें 13 बड़े, 23

हैं जिनके लिये नगर निगम के माध्यम से कई बार पत्राचार भी हुआ है परन्तु उसका अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त शशांक चौधरी व अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सहित निगम के अधिकाकरी मौजूद रहे।

बताया जाता है कि नगर निगम क्षेत्र में

करीब 500 कॉलोनी और करीब 10

मंझले और 36 छोटे नाले हैं। पहले नालों की संख्या 98 थी, लेकिन बाद में आकार बढ़ाकर इनकी संख्या कम कर दी गई। शहर का मुख्य 10 किलोमीटर लंबा भूतेश्वर-अंबाखार नाला है। यह वो नाला है जिससे शहर का करीब 75 प्रतिशत भाग जुड़ा है। नगर निगम के उच्चाधिकारियों ने 30 जून तक नालों की सफाई का लक्ष्य रखा है। इस कार्य को नगर निगम के अधिकारी अपनी देखरेख में करा रहे हैं। नालों का 60 प्रतिशत सफाई कार्य पूर्ण करने का दावा किया जा रहा है।

भूतेश्वर अंडरपास के नीचे बारिश के समय में भरने वाले पानी और वहां लगने वाले जाम की समस्या से निपटने को प्रशासन ने दूसरा अंडरपास छोटे वाहनों व पैदल यात्रियों के लिए बनाने का निर्णय लिया था। इसी तर्ज पर नया बस अड्डा अंडरपास के संबंध में भी वैकल्पिक व्यवस्था पर मंथन किया गया। कोई भी काम धरातल पर नहीं उतरा। वर्तमान में नया बस अड्डा पर एक रेलवे अंडरपास बना हुआ है। बारिश के मौसम में इस अंडरपास में हालात बहुत खराब हो जाते हैं। कई कई फुट पानी से होकर गुजरना लोगों की मजबूरी बन जाती है। बाइकों में पानी भरने से लोगों के वाहन बंद हो जाते हैं। इससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी पैदल राहगीरों को जलभराव के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है। नगर आयुक्त शंशाक चौधरी ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था के साथ नाले और नाली की सिल्ट निकालने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है जिसका प्रतिदिन होने वाले कार्य का निरीक्षण किया जा रहा है।

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