
दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप
मथुरा । सर्वोदयी ब्राह्मण विकास संस्थान के बैनर तले आज प्राचीन मंदिर ठाकुर केशव देव महाराज में मंदिर के प्रबंधक मुकट मणिशर्मा की अध्यक्षता में महर्षि वेदव्यास प्रादुर्भाव दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ज्योतिष आचार्य कामेश्वर चतुवेर्दी ने बताया कि इस दिन पूर्व षाढा अथवा उत्तराषाढा नक्षत्र रहता है पराशर ऋषि की कृपा से वेदव्यास का अवतरण भी किसी पूर्णिमा तिथि को हुआ था वेदव्यास गुरुओं के भी गुरु हैं 17 पुराणों की रचना करने के बाद भी वेदव्यास का मन अशांत था। इसलिए नारद के कहने से उन्होंने 18वां पुराण श्रीमद् भागवत पुराण लिखा जिसमें भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का विशेष रूप से वर्णन किया है तब शांति मिली थी। भागवत आचार्य मुकेश पंडित ने कहां वेदो का विस्तार करने से उनका नाम वेदव्यास पड़ा। उनको कृष्ण दैपायन भी कहा जाता है। उन्होंने ब्रह्म सूत्र की रचना की महाभारत जैसा ग्रंथ भी आपकी रचना है।भागवत आचार्य पंडित पंकज शास्त्री ने कहा आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को पराशर ऋषि के पिता थे संस्कृत जगत में वेद व्यास जी का नाम बड़े ही आधार के साथ में लिया जाता है संपूर्ण भागवत आचार्य पंडित राजेश कृष्ण शास्त्री ने कहा भारतवासियों पर उनका उपकार है 18 पुराने के रचयिता व्यास जी ने सबके ऊपर उपकार किया है श्रीमद् भागवत महापुराण उनकी कृति है भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करने से वेदव्यास जी को शांति मिली। भागवत आचार्य कृष्णकांत पाठक महाराज ने अपने सुझाव रखते हुए कहा प्रातकाल आठ चिरंजीवियों का नाम लिया जाता है उसमें वेदव्यास जी का नाम भी लेते हैं उनका नाम लेने से सभी व्याधियों कट जाती हैं। व्यास जी ने संपूर्ण मानव जाति के लिए कल्याण का मार्ग दिखलाया। भागवत आचार्य पंडित जगदीश शास्त्री द्वारा उपस्थित विप्रो को बताया गया भारतीय संस्कृति संस्कार एवं श्रीमद् भागवत के प्रचार प्रसार से मन को शांति मिलती है संस्थान अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा द्वारा गोष्ठी में अवगत कराते हुए कहा 18 पुराणों का सारांश है दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप है और दूसरों पर उपकार करना सबसे बड़ा पुण्य है। संस्थान सचिव नारायण प्रसाद शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करने से मिली थी वेदव्यास जी को मन की शांति और उन्होंने श्रीमद् भागवत महापुराण की रचना कर दी। इससे पूर्व महर्षि वेदव्यास जी के चित्रपट पर संस्थान अध्यक्ष पंडित सोहनलाल शर्मा सचिव नारायण प्रसाद शर्मा, कामेश्वर नाथ चतुवेर्दी दीपक शर्मा द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्रादुर्भाव दिवस का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।