आध्यात्मिक गुरूजनों की महत्ता व अस्तित्व वेद व्यास सेः रमाकांत

 

 

मथुरा । श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति द्वारा कृष्ण गंगा घाट स्थित वेद व्यास की तपस्थली पर आदि गुरु महर्षि वेद व्यास प्रादुर्भाव समारोह विगत अनेक वर्षों की भाँति परंपरागत रूप से आयोजित किया गया। सर्व प्रथम उपस्थित विद्वतजनों, पांडित्यजनों ने मंत्रोच्चार व वेदों की ऋचाओं के मध्य आदि गुरु का चरणाभिषेक, कर पूजन अर्चन समिति संस्थापक पंडित अमित भारद्वाज के निर्देशन में वैदिक रीति से किया। मंगल दीप प्रज्ज्वलित कर व्यासजी के जीवन दर्शन पर विद्वत संगोष्ठी हुयी। जिसमें आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने व्यास जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि अध्यात्मिक गुरुजनों की महत्ता व अस्तित्व वेद व्यास से हैं। आचार्य लालजीभाई शास्त्री ने कहा कि वह सत्य सनातन धर्म व संस्कृति के पुरोधा हैं। पूर्ण प्रकाश कौशिक ने कहा कि उनके द्वारा रचित वेद, पुराण, उपनिषद शास्त्र, संहिता धर्म गुरुओं का मार्ग दर्शन व सनातन संस्कृति व धर्म को दिशा प्रदान कर रहे हैं। इस अवसर पर स्मारक समिति के मंत्री योगेश आवा व संयोजक आचार्य शिवओम गौड़ शास्त्रीने विद्वानों का अभिनंदन किया। समिति द्वारा 7 विद्वानों को अध्यात्म भूषण की उपाधि से अलंकृत किया। जिसमें गोकुल से सुरेश बाबा महाराज, गोवर्धन से दीनबंधु दास महाराज, मथुरा से याज्ञिक परमेश्वर दत्त आचार्य, वृंदावन से महा महामंडलेश्वर नवलगिरी महाराज, पंडित विनय त्रिपाठीआचार्य राजू भैया महाराज, आचार्य राम विलास चतुर्वेदी थे। समापन पर 108 दीप ज्योतियों सेमहाआरती की गयी।

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