मनगढ़ंत कथाओं के द्वारा व्यास पीठ से ठाकुर जी के प्रति अपशब्दों प्रयोग करने वाले पर हो कानूनी कार्रवाई

 

शासन प्रशासन, न्यायालय स्वत: संज्ञान करें

 

राष्ट्रपति के नाम कानून बनाने के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।

 

मथुरा।  वर्तमान समय में देश में धन उपार्जन के लिए अल्पज्ञानी तथा अल्प धर्म मर्मज्ञता के रूप में कुछ कथावाचक अपने प्रचार प्रसार के लिए अथवा सनातन धर्म और उनके आराध्यों,धर्म ग्रंथों,की मनगढ़ंत व्याख्या करते हैं, तथा निरंतर अनर्गल टिप्पणियां करने का चलन प्रतिदिन बढ़ रहा है, जिससे सनातन संस्कृति का निरंतर अपमान किया जा रहा है, जिससे सनातन धर्मानुरागियों में रोष व्याप्त है।

इस विषय को लेकर श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के पदाधिकारियों की एक बैठक श्री दीर्घ विष्णु मंदिर में सेवा संस्थान के संयोजक आचार्य ब्रजेंद्र नागर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें श्री दीर्घ विष्णु मंदिर के सेवायत महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह विषय गम्भीर रूप ले रहा है, कि निरंतर देखा जा रहा कि अपनी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए धर्मग्रंथों में वर्णित प्रसंगों कथाओं की मनगढ़ंत व्याख्या करते हैं ,और धर्मानुरागियों द्वारा रोष व्यक्त करने पर माफी मांगने का ढोंग करते हैं लेकिन यह कृत्य अक्षम्य अपराध है ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो,और सामाजिक बहिष्कार किया जाए।

दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के प्रवक्ता एवं संस्कृत भारती के महानगर प्रचार प्रमुख पं.रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने कहा कि किसी भी रामलीला अथवा कृष्ण लीला में मंच पर स्वरूप धारण करने वाला प्रत्येक पात्र जब तक व्यक्ति गत श्रेणी में रहता है जब तक वह स्वरुप नहीं बनता, लेकिन जब वह स्वरूप धारण कर लेता है तब वह ठाकुर जी का स्वरूप हो जाता है,और ऐसे स्वरूपों के प्रति अपशब्द कहना, उपहास करना, अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है।

इसी प्रकार अपने मनगढ़ंत ढंग से कथा प्रसंगों का वर्णन करने का कुचक्र रचा जा रहा है, ऐसे सभी व्यक्तियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए ऐसे लोगों को कथा व्यास बनने का अधिकार नहीं है,केवल धनोपार्जन के लिए आध्यात्मिक रूप से व्यवसाय बना रखा है,इनका कथा सत्संग करना प्रयोजन नहीं है।

श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के संयोजक आचार्य ब्रजेंद्र नागर ने कहा कि निरंतर बढ़ते हुए ऐसे धार्मिक अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए, ऐसे असभ्य व्यक्तियों को दंडित किया जाना आवश्यक है, जिससे सनातन धर्मानुरागियों की भावना आहत न हो।

इस विषय को लेकर श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा जिलाधिकारियों के माध्यम से एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति महोदय के लिए सौंपा जाएगा जिसमें ऐसे अक्षम्य अपराध करने वालों के लिए एक कठोर कानून बनाने की मांग की जाएगी ,कि यदि कोई ऐसे धार्मिक अपराध करते हैं तो शासन प्रशासन, न्यायालय स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई करें।

साथ ही, गली गली, गांव गांव इनका बहिष्कार करने के लिए जन जागरण किया जाएगा।

इस अवसर पर माथुर चतुर्वेदी महापरिषद के राष्ट्रीय मंत्री शैलेन्द्र नाथ चतुर्वेदी, श्री दीर्घ विष्णु मंदिर के सेवायत बालकृष्ण चतुर्वेदी, लालकृष्ण चतुर्वेदी, राष्ट्रीय सिख संगत के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह होरा, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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