लूटेरों की पुलिस से मुठभेड़, तीन बदमाशों को लगी गोली

 

 

मथुरा । छाता कोतवाली क्षेत्र के तरौली रोड के अजनठी मोड़ पर शुक्रवार देर रात मोबाइल फोन लुटेरों से पुलिस, स्वाट व सर्विलास टीम की मुठभेड़ हो गयी। गिरोह के तीन बदमाश गोली लगने से घायल हुए हैं। वहीं एक बदमाश ने टीम के आगे सरंडर कर दिया। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। चौथे बदमाश से देर रात तक पुलिस पूछताछ में जुटी रही। एसपी देहात त्रिगुण विसेन ने बताया कि छाता पुलिस को देर रात सूचना मिली कि लुटेरों का एक गैंग तरौली रोड, अजनठी मोड़ के पास मौजूद है। यह गैंग किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना मिलने पर छाता पुलिस, स्वाद और सर्विलांस पुलिस की टीम तरौली रोड पर जब पहुंची तो वहां दो बाइक पर चार बदमाश आते दिखाई दिए। पुलिस टीम ने जब बदमाशों को रोका तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने

भी जवाबी फायरिंग की। दोनों तरफ से हुई 15 से 20 राउंड फायरिंग में 3 बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। जबकि एक बदमाश ने अपने साथियों को घायल होता देख सरेंडर कर दिया। पूछताछ में इनकी पहचान

राहुल पुत्र नारायण सिंह निवासी विलोठी, छाता, (घायल), राम पुत्र राजपाल निवासी विलोठी, छाता (घायल), पंकज पुत्र चंद्रभान सिंह निवासी बरारी, रिफाइनरी, (घायल), राजकुमार पुत्र राजपाल निवासी विलोठी, छाता के तौर पर हुई है। पुलिस ने तीनों बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। बदमाशों के कब्जे से 54 से अधिक चोरी व लूट के मोबाइल, 4 तमंचा, 2 मोटर साइकिल, जिसमें चोरी की बरामद हुई है।

बरामद के आधार पर इनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। ये शातिर अपराधी देर रात किसी बड़ी वरदात को अंजाम देने के लिये हाईवे पर आ रहे थे। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग अलग-अलग मोटर साइकिलों पर सवार होकर हाइवे या धार्मिक स्थलों के आस पास घूमते रहते थे, जो व्यक्ति पैदल चलते हुए या चलती बाइक पर मोबाइल फोन से बात करते उनके मोबाइल लूट लेते हैं। वरदात के लिये दो अलग-अलग बाइकों पर सवार होकर चलते हैं, एक बाइक सवार घटना करते है तो दूसरे बाइक सवार उनकी मदद करते है। यदि पहली वाली बाइक से मोबाइल फोन लूट कर भागे और लगा कि पीछे लोग लग रहे है तो यह भी अपनी मोटर साइकिल अपने साथियों की तरफ दौड़ा देते है और मौके लगते ही पीछा करने वालो को भ्रमित करके गलत दिशा में भेजकर यह भी सुरक्षित निकल जाते है। लूटे गये मोबाइलो को सस्ते दामो मे गांव मे बेच देते है। बेचते समय लोगो को कस्टम का माल बताते है जिस कारण लोग जल्दी बिल नही मांगते है या एक साथ किसी ऐसे अन्जान व्यक्ति को जो इनके बारे मैं ज्यादा नही जानता है को बेच देते हैं, जिनसे इनकी मुलाकात कभी राह चलते हो जातीहै।

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