संस्कृत सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित होंगे विभिन्न आयोजन।

 

 

16 अगस्त से 22 अगस्त तक मनाया जाएगा संस्कृत सप्ताह।

 

मथुरा।  श्रावण मास की पूर्णिमा 19 अगस्त को संस्कृत भारती द्वारा देशभर में संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में भव्य आयोजन किए जाएंगे।

ब्रज प्रान्त में संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में सात दिवसीय संस्कृत सप्ताह मनाया जाएगा जिसमें संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने के उद्देश्य से नगरे नगरे,ग्रामे ग्रामे,गृहे गृहे, संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार किया जाएगा। जिसके लिए संस्कृत भाषा के प्रेरणास्पद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

यह निर्णय संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा महानगर की सरस्वती शिशु मन्दिर दीनदयाल नगर में संस्कृत भारती ब्रजप्रांत न्यास अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया।

इस अवसर पर संस्कृत भारती ब्रजप्रांत संगठन मंत्री नरेन्द्र भागीरथी ने जानकारी देते हुए कहा कि संस्कृत भारती संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार संरक्षण, संवर्धन एवं संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से देश विदेश में कार्य कर रही है। जून 1981 ई० में कर्नाटक राज्य के बंगलुरु में संस्कृत भारती का कार्य आरम्भ हुआ था । उन्होंने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा सन् 1969ई में श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। सन् 2000 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इस वर्ष को संस्कृत वर्ष घोषित किया और संस्कृत दिवस के तीन दिन पूर्व व तीन दिन बाद तक संस्कृत भाषा को जनसाधारण तक पहुंचाने के उद्देश्य से संस्कृत सप्ताह मनाने का आदेश पारित किया था तब से सम्पूर्ण देश में संस्कृत सप्ताह का आयोजन भव्यता के साथ किया जाता है।

बैठक में संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मंत्री डॉ धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल ने कहा वर्तमान में संस्कृत भाषा का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है अतः युवाओं में अपनी प्राचीन देववाणी संस्कृत भाषा के प्रति जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।

संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने अपने संबोधन में कहा कि मथुरा महानगर में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी श्रावणी पूर्णिमा से तीन दिन पूर्व 16 अगस्त से और तीन दिन बाद 22 अगस्त तक संस्कृत भाषा को लेकर सात दिवसीय जनजागरण अभियान चलाया जाएगा जिसमें संस्कृत भाषा के विभिन्न आयोजन किए जाएंगे।

बैठक में ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी, गणेश शंकर पाण्डेय, हरस्वरुप यादव, अनिल अग्रवाल, महानगर उपाध्यक्ष आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी, सहमंत्री भगतसिंह आर्य आदि ने अपने विचार व सुझाव देते हुए संस्कृत सप्ताह को सफल बनाने के लिए सभी से अनुरोध किया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए ओमप्रकाश बंसल ने कहा कि भारतीय संस्कृति सभ्यता और संस्कारों को बचाने के लिए संस्कृत भाषा को घर घर तक पहुंचाना अतिआवश्यक है इसके लिए हम सभी को मिलकर जनसंपर्क करने की आवश्यकता है।

बैठक का संचालन करते हुए संस्कृत भारती मथुरा महानगर प्रचार प्रमुख रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार की आवश्यकताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा वर्तमान में संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण पैदा करने की आवश्यकता है जिससे युवाओं का भविष्य उज्जवल हो सके।

बैठक का शुभारंभ आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी द्वारा संस्कृत ध्येय मंत्र से किया गया और समापन हरस्वरुप यादव द्वारा कल्याण मंत्र के साथ किया गया।

बैठक के अन्त में संस्कृत भारती महानगर सहमंत्री भगतसिंह आर्य द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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