वैदिक विधिविधान के साथ हुआ संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ

 

संस्कृत को जनसाधारण की भाषा बनाने का लिया गया संकल्प।

 

 

मथुरा। श्रावणी पूर्णिमा संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में संस्कृत भारती मथुरा महानगर द्वारा वैदिक विधिविधान से हवन पूजन कर संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय केशव भवन सरस्वती कुण्ड पर किया गया।

इस अवसर पर संस्कृत भारती ब्रजप्रांत न्यास अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल एवं ब्रजप्रान्त मंत्री धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने के लिए संस्कृत भारती द्वारा सम्पूर्ण देश विदेश में ग्रहे ग्रहे संस्कृतम् अभियान चलाया जा रहा है।उसी क्रम में ब्रजप्रान्त के सभी जनपदों में भी संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा वर्तमान में युवा पीढ़ी को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करने की आवश्यक्ता है

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मथुरा वृन्दावन नगर निगम के महापौर विनोद कुमार अग्रवाल ने संस्कृत भारती द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देववाणी संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन व उपयोगी भाषा है भारतीय संस्कृति सभ्यता और संस्कारों को देने वाली संस्कृत भाषा ही है वर्तमान में वैज्ञानिकों ने भी कम्प्यूटर के लिए संस्कृत भाषा को सर्वश्रेष्ठ माना है। उन्होंने कहा युवा पीढ़ी में संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण पैदा करने की आवश्यकता है।

संस्कृत भारती मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने कहा कि सन् 1969 में तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस घोषित किया गया परन्तु राजनैतिक कारणों से संस्कृत भाषा की घोर उपेक्षा की गई इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा सन् 1981 में कर्नाटक राज्य के बंगलुरु में संस्कृत भारती का कार्य प्रारंभ किया गया। सन् 2000 में तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिन पूर्व व तीन दिन बाद तक संस्कृत सप्ताह मनाए जाने के आदेश पारित किए गए। सन् 2014 में संस्कृत भारती का विस्तार हुआ और ब्रजप्रान्त में संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार तेज गति से बढ़ने लगा। उन्होंने कहा छात्र छात्राओं में आकर्षण पैदा करने के उद्देश्य से संस्कृत भारती द्वारा जनपद के विद्यालयों में विभिन्न प्रकार की संस्कृत भाषा की प्रतियोगिता एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम में ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी एवं आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी द्वारा वैदिक विधिविधान से हवन पूजन कराया गया।

इस अवसर पर संस्कृत भारती न्यास सचिव गंगाधर अरोड़ा, सुभाष सैनी, हरस्वरुप यादव, , योगेश उपाध्याय आवा, सरदार राजेन्द्र सिंह होरा, अनिल अग्रवाल, रामजी लाल, आरती राजपूत, कोमल वर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने के लिए संकल्प लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ आरती राजपूत एवं कोमल वर्मा द्वारा सरस्वती वन्दना से किया गया।

इस अवसर पर नगर निगम मथुरा वृन्दावन महापौर विनोद कुमार अग्रवाल, कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी, ओमप्रकाश बंसल आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने भारत माता एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया।

कोषाध्यक्ष योगेश उपाध्याय आवा,सभाष सैनी, हरस्वरुप यादव ने सभी को पटुका भेट कर सम्मान किया।

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