मथुरा में रसखान समाधि पर सांझी महोत्सव-2024 का शुभारंभ

बच्चों को ब्रज की संस्कृति से रखना होगा लगाव : एसबी सिंह

 

मथुरा।उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद और जीएलए विश्वाविद्यालय के तत्वावधान में रसखान एवं ताज बीबी उपवन (समाधि) पर सांझी महोत्सव- 2024 का शुभारंभ हुआ। यह महोत्सव 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस महोत्सव में अनेक कलाकार अपनी कला के रंग उकेर रहे हैं।
शनिवार को सांझी महोत्सव का शुभारंभ प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ एसबी सिंह और जीएलए विश्वाविद्यालय के उप कुलपति प्रो अनुप गुप्ता ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। उन्होंने रसखान समाधि पर पुष्प अर्पित किए।

इसके उपरांत मुक्ताकाशीय रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुऎ मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसबी सिंह ने कहा की बच्चों को ब्रज की संस्कृति से लगाव रखना होगा। अपनी संस्कृति को बढ़ाने की जिम्मेदारी युवाओं की ही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ब्रज के विकास में जुटा है। यहां के वन, कुंड सरोवर, धरोहर को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ब्रज दर्शन को आने वालों के लिए सुविधाएं देने का काम भी किया जा रहा है। सांझी महोत्सव भी प्राचीन लोककला को प्रोत्साहित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा उठाया गया कदम है।

इस मौके पर जीएलए विवि के प्रो अनूप गुप्ता ने राष्ट्र की अवधारणा की व्यक्त करते हुए अपनी संस्कृति परंपराओ का महत्व को बताया। कहा कि संस्कृति ही राष्ट्र की पहचान है। हमें अपनी संस्कृति, परम्पराओं से प्यार होना चाहिए, ये गर्व का अनुभव का अनुभव कराती हैं।
ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने ब्रज में सांझी परंपरा की जानकारी दी। बताया कि प्राचीन काल में किस तरह मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण के स्वागत में गोपियों द्वारा फूलों से चित्र बनाए जाते थे। उसी परंपरा को आगे ले जाते हुए यह सांझी कला तैयार हुई। ब्रज में आज भी यह परंपरा कायम है।
इस मौके पर गोकुल के चेयरमैन संजय दीक्षित और उप सी ई ओ सतीश चंद्र ने भी युवाओं को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में अतिथियों ने साझी महोत्सव 2024 में सुखे रंग की कैनवस पर सांझी और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की पेंटिंग प्रदर्शनी का अवलोकन किया। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी हेतराम अली मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रशांत गौतम लखनऊ से कथक कलाकार डा मीरा दीक्षित साहित्यकर डा अनिता चौधरी आदि उपस्थित रहे।

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