शिक्षक व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का कुशल निर्माता : मेघना

 

 

मथुरा।वृन्दावन में कुंभ मेला क्षेत्र में आयोजित जी -20 अंतरराष्ट्रीय योग एवं श्रीअन्न उत्सव के दूसरे दिन प्रथम सत्र का उद्घाटन परमार्थ निकेतन ऋषिकेश की टीम के द्वारा कराए जा रहे योगाभ्यास से हुआ । योगिनी गंगा नन्दिनी के नेतृत्व में सैकड़ो लोगो ने मंत्रों के साथ योगाभ्यास किया। गुरुकुल राजघाट बुलंद शहर के आचार्य सोमनाथ के नेतृत्व में छोटे छोटे बच्चों ने योग और जिम्नास्टिक के सुंदर करतब दिखा कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम की सरक्षिका डॉ मेघना चौधरी ने इन बच्चों को 11 हजार रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया।

 

योगाभ्यास के उपरांत द्वितीय सत्र में ब्रज क्षेत्र के शिक्षको डॉ. अजय शर्मा, डॉ पीपी शर्मा, डॉ रोशन लाल, डॉ वीरेंद्र मिश्रा, पदम सिंह शर्मा, शिशुपाल सिंह, डॉ पीके शुक्ला, डॉ अशोक अग्रवाल, डॉ राम कृपाल त्रिपाठी परमानन्द गुप्ता, कैप्टन बृजेन्द्र सिंह, चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, चन्द्र लाल शर्मा, प्रो. के एम अग्रवाल, भगवती प्रसाद गुप्ता, डॉ. अनन्त स्वरूप बाजपेयी, डॉ शशि प्रभा कपूर, धनंजय घोष, सुदेश त्रिपाठी, जयंती गोस्वामी, रविकांत शर्मा, सुशील शर्मा, कौशल किशोर भट्ट, देवेंद्र शर्मा, अभय वशिष्ठ, श्याम बिहारी शर्मा, कुशनाथ चतुवेर्दी, डॉ देव

 

प्रकाश सहित मरणोपरांत स्व भोलेनाथ पांडेय, राम गोपाल गुप्ता, जय गोपाल मुखर्जी, स्व. प्रिया लाल कौशिक, डॉ. सुरेंद्र शर्मा स्व. राधा बल्लभ शर्मा, शंभु चरण पाठक, हनुमान प्रसाद शुक्ला, हरिप्रसाद पटसरिया, मोहनी द्विवेदी, श्याम विहारी शर्मा का सम्मान किया गया ।

 

इस अवसर पर डॉ. मेघना चौधरी ने कहा कि व्यक्ति से लेकर समाज तक का निर्माण शिक्षको के माध्यम से ही सम्भव है। शिक्षक ही व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के कुशल शिल्पकार है। आयोजकों ने शिक्षको को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर और उत्तरीय पहनाकर सम्मान किया। श्री अन्न का प्रसाद ग्रहण कर तृतीय सत्र में सैकड़ो विद्यार्थी, अध्यापकगण और समाजसेवी यमुना घाट पर स्वच्छता अभियान के लिए गए। जहां उन्होंने यमुना माँ के तटों की सफाई की।

 

चतुर्थ सत्र में बंगलोर से डॉ. सुनीता राणा, डॉ. जुझार सिंह, डॉ मनीष सैनी एवं डॉ वर्तिका द्वारा समारोह स्थल पर विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए मार्गदर्शन किया गया और स्वास्थ्य परीक्षण हेतु शिविर लगाए गए। 200 से अधिक लोगो ने स्वास्थ्य शिविर में अपना परीक्षण कराया। फूलडोल महाराज आचार्य बद्रीश मारूतिनन्दन वागीश सहित वृन्दावन के अनेकों संत महात्माओं ने श्री यमुना महारानी की सायंकाल महाआरती की।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

विज्ञापन बॉक्स
विज्ञापन बॉक्स

Related Articles

Close
[avatar]