संस्कृत भारती द्वारा किया गया संस्कृत शिक्षकों का सम्मान।

 

संस्कृत शिक्षकों का त्याग, समर्पण एवं परिश्रम ही संस्कृत भारती के कार्य का आधार है –आचार्य ब्रजेन्द्र नागर

मथुरा।संस्कृत भारती मथुरा महानगर द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर मोतीकुंज स्थित संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र पर संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में विशेष योगदान देने वाले विद्वान संस्कृत शिक्षकों का सम्मान समारोह संस्कृत भारती मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर की अध्यक्षता में सम्पन्न किया गया।

 

 

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त न्यास सचिव श्री गंगाधर अरोड़ा ने संस्कृत भाषा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत में जो भी सरकारें बनी उनका संस्कृत भाषा के प्रति उदासीनता का व्यवहार रहा जिसके कारण विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत भाषा का विकास नहीं हो सका वर्तमान में परिस्थितियां अनुकूल हुई है और सौभाग्य से केन्द्र व प्रदेश सरकारों द्वारा संस्कृत भाषा को जन जन की भाषा बनाने के उद्देश्य से सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं जिसके कारण आज युवाओं में भी संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण दिखाई दे रहा है।

सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने कहा कि अपने अंदर असीम ज्ञान विज्ञान को समेटने वाली संस्कृत भाषा में कोटि कोटि शब्दों के निर्माण करने की अद्भुत क्षमता है वर्तमान में वैज्ञानिक भी कम्प्यूटर के लिए संस्कृत को ही उपयुक्त भाषा मान रहे हैं अतः भारत में ही नहीं विश्व के अनेक देशों में भी संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण दिखाई दे रहा है। उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में निस्वार्थ अपनी सेवा दे रहे शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत भारती का सम्पूर्ण कार्य सरकारी सहायता के बिना जन सहभागिता एवं सहयोग से चल रहा है जिसके लिए संस्कृत शिक्षकों का त्याग, समर्पण और परिश्रम ही संस्कृत भारती के कार्य का आधार है।

समारोह के प्रारंभ में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया गया।

महानगर मंत्री आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी द्वारा वैदिक व पौराणिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। महानगर शिक्षण प्रमुख हरिश्चंद्र जी द्वारा ध्येय मंत्र “पठामि संस्कृतं नित्यं वदामि संस्कृतं सदा”का सस्वर पाठ किया गया।

इस अवसर पर संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाले शिक्षक डा बदन सिंह जी,डा सुनीता अस्थाना जी, श्री करुण आचार्य जी, श्रीमती विमला आचार्य, अमोघ आचार्य एवं उपस्थित सभी आचार्यों का सम्मान किया गया।

समारोह के अंत में सम्मान समारोह की संयोजिका संस्कृत भारती मथुरा महानगर महिला प्रमुख, शिक्षाविद श्रीमती अनिता आचार्य द्वारा सभी का आभार व धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

समारोह का समापन प्रन्तीय कार्यालय प्रमुख श्री हरस्वरुप जी द्वारा कल्याण मंत्र”सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे संतु निरामया”से किया गया।

सम्मान समारोह की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर तथा संचालन महानगर मंत्री आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी द्वारा किया गया।

                         

    

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