मथुरा में नगर निगम कार्यालय में एक दर्जन से अधिक पार्षदो ने जमीन पर बैठकर अधिकारियों के खिलाफ की नारेबाजी

 

मथुरा। नगर वासियों द्वारा बंदरों के उत्पात और जीआईएस सर्वे को लेकर दिये जाने वाले रोजाना के उलहानों से परेशान नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के दर्जनों पार्षदों ने आज नगर निगम कार्यालय में जमीन पर बैठकर अधिकारियों को कोसते हुए जमकर नारेबाजी की। पार्षदों के प्रदर्शन की जानकारी जैसे ही नगर आयुक्त को मिली वह आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और पार्षदों की समस्या सुन उनसे मांगों के सापेक्ष ज्ञापन लिए।

उक्त मांगों के निस्तारण को लेकर जब पार्षदों ने नगर आयुक्त से समय सीमा निर्धारित करने की मांग की तो उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि निगम के मूल कार्यो में शामिल जलभराव, पेयजल, प्रकाश, सड़कों के पेच वर्क आदि समस्याओं को सुनने के लिए वह प्रतिदिन तत्पर है। 10 से 5 बजे के मध्य कभी भी वह उनसे मिल सकते है। वहीं बंदरों की समस्या के सापेक्ष नगर आयुक्त ने दो टूक कहा कि ठेकेदार को पैसे देकर बंदरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर छोडने मात्र से उक्त समस्या का स्थायी समाधान नही होगा। जब तक बंदरों के रहने के लिए कोई विशेष स्थान का इंतजाम नही हो जाता तब तक लोगों को धैर्य रखना होगा। इसके अलावा उपस्थित पार्षदों ने आज मंगलवार होने पर समाधान दिवस में अधिकारियों के उपस्थित न रहने पर भी नाराजगी प्रकट की।

इस अवसर पर अलग-अलग पार्षदों द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में पार्षदों अपने क्षेत्र की समस्याओं का उल्लेख किया जिसमें वार्ड संख्या 4 के पार्षद प्रतिनिधि रूपकिशोर ने अपने क्षेत्र में जलभराव व मार्गों में कीचड, टैक्स के अनाप-शनाप आने की समस्या बताई, वार्ड 14 के पार्षद यतेन्द्र माहौर ने भी जलभराव, प्रकाश की समस्या के साथ ही पिछले दिनों निगम द्वारा चलाये गये बंदर पकडों अभियान के एक बार भी न चलाने की बात कही, वार्ड 7 के पार्षद पुष्पा देवी ने भी कुछ इसी तरह की समस्याएं बताई, वार्ड 61 के पार्षद प्रतिनिधि रामकिशन पाठक ने कहा कि निगम के अधिकारी कर्मचारी पार्षदों की एक नही सुनते जिससे क्षेत्र वासियों के सामने उन्हें रोज शर्मिंदगी झेलनी पडती है। एक दो बार बंदर पकडों अभियान से मात्र 2 प्रतिशत बंदरों की ही पकडा जा सका है। वार्ड 33 के पार्षद अभिजीत कुमार ने अपने क्षेत्र में रोड, पानी, बिजली की समस्या बताई, वार्ड 49 के पार्षद मनोज शर्मा ने जलभराव बंदरों की समस्या के साथ ही क्षेत्र में गंगाजल आपूर्ति न होने की समस्या बताई। वार्ड 44 के पार्षद चौधरी निरंजन सिंह ने सफाई कर्मचारियों की किल्लत होने के चलते क्षेत्र सफाई व्यवस्था सुचारू न होने की बात कही। वार्ड 18 के पार्षद विकास दिवाकर ने अपने वार्ड जनरल गंज में मुख्य रूप से पेयजल किल्लत के साथ ही बंदरो की समस्या बताई। वार्ड 23 के पार्षद सुभाष यादव ने क्षेत्र में पानी की लाइन न होने और बंदरों के अलावा प्रकाश व्यवस्था के साथ ही अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की बात कही। उन्होने बताया कि उनके क्षेत्र में उक्त समस्याएं काफी लंबे समय से मुंह बाये खडी है। वार्ड न. 56 के पार्षद कुंज बिहारी भारद्वाज ने अपने क्षेत्र में ठा. द्वारिकाधीश मंदिर होने के चलते बंदर पकडों अभियान के एक-दो बार चलने की जानकारी देते हुए कहा कि अभी भी इस क्षेत्र में रोजाना श्रद्धालुओं से बंदर छीना-झपटी कर रहे है। टैक्स का निस्तारण कराने को लेकर क्षेत्र वासी जहां-जहां भटक रहे है कोई सुनने वाला नही है। इसके अतिरिक्त उल्टे रास्तों से सब काम हो रहे है। वार्ड 68 के पार्षद कुलदीप पाठक ने भी टैक्स और बंदरों की समस्या बताई। वार्ड सं. 30 के पार्षद चंदन आहूजा ने जैम पोर्टल द्वारा स्मार्ट सिटी योजना पर करोड़ों रूपये की सोलर लाइट लगाने की प्रक्रिया को पारदर्शिता में लाया जाने की मांग की। इसके अलावा वार्ड संख्या वार्ड 36 राकेश भाटिया वार्ड 29, 35, 42, 22, 48, 63 के पार्षदगणों ने भी अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं का रोना रोते हुए अधिकारियों पर सुनवाई न करने का आरोप लगाया। धरना स्थल पर नगर आयुक्त के अलावा अपर नगर आयुक्त क्रांति शेखर सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी शिवकुमार गौतम आदि भी पहुंच गये।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

विज्ञापन बॉक्स
विज्ञापन बॉक्स

Related Articles

Close
[avatar]