
शिशु के साथ मां के लिए भी स्तनपान जरूरीः डॉ रचना गुप्ता
– स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत सीएमओ सभागार में हुई संगोष्ठी
मथुरा। विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को सीएमओ आफिस के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रचना गुप्ता ने वर्तमान में 1 से 7 अगस्त के बीच चल रहे स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी में बताया कि कि बच्चों के विकास के लिए मां का दूध अत्यंत आवश्यक और महत्त्वपूर्ण होता है। नवजात शिशु के लिए माँ का दूध अमृत सामान होता है । प्रसव के उपरांत तीन दिनों तक माँ के पीला गाड़ा दूध निकलता है, वह शिशु को गंभीर रोगों से बचता है। जन्म के एक घंटे के भीतर शिशु को माँ का दूध पिलाना आवश्यक होता है तथा छः माह तक शिशु को सिर्फ माँ का दूध पिलाना लाभकारी है । माँ के दूध से शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बौद्धिक व मानसिक विकास होता है तथा माँ एवं बच्चे के मध्य भावनात्मक रिश्ता मज़बूत होता है । माँ के दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है । इसलिए पैदा होते ही शिशु को मां दूध जरूर पिलाए। बच्चे के पैदा होते ही दूध पिलाने से यह मां को भी फायदेमंद रहता है। यदि किसी प्रसूता के दूध नहीं आता तो उसे स्तनों को गर्म पानी से धोना चाहिए और चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए एन एच एम के नोडल डॉ देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि प्रसूताओं को बच्चा पैदा होने से पूर्व ही स्तनपान के लिए प्रेरित करना चाहिए। बच्चों को लेट कर दूध नहीं पिलाना चाहिए बल्कि बैठकर ही दूध पिलाना चाहिए। बच्चों को बोतल का दूध नहीं पिलाए। जो मां बच्चे को दूध नहीं पिलाती उसे स्तर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जितेंद्र सिंह एवं प्रस्तुतीकरण डी सी पी एम पारुल शर्मा ने किया द्य
संगोष्ठी में एसीएमओ डॉ दिलीप कुमार, डॉ मुनीश पौरुष, डॉ अनुज चौधरी , मंडलीय समन्वयक यूनिसेफ शिव दत्त पाराशर रीजनल मैनेजर (सी पी ) भगवान दास , अर्बन कोऑर्डिनेटर फौजिया खानम ,जिला कार्यक्रम अधिकारी, समस्त चिकित्सा अधीक्षक एवं सी डी पी ओ भी मौजूद थे।