मथुरा में अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए परिक्रमा मार्ग पर उमड़ा भक्तों का रेला

 

 

मथुरा । अक्षय नवमी पर अक्षय पुण्य प्राप्त करने की कामना को एम लेकर मथुरा में बुधवार को हजारों श्रद्धालु पंचकोसीय परिक्रमा मार्ग पर उमड़ पड़े।

इनमें सबसे अधिक संख्या महिलाओं और बच्चों की रही। कार्तिक माह की अक्षय नवमी को परिक्रमा की परंपरा है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली की परिक्रमा का महत्व है। इसी आस्था भाव के चलते हजारों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाई। परिक्रमा का यह दौर मंगलवार शाम से ही शुरू हो गया था। बुधवार की सुबह कई श्रद्धालुओं ने मथुरा के विश्रामघाट पर यमुना स्नान कर पूजन किया। इसके बाद परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं का रेला और बढ़ता चला गया। आस्था के पथ पर श्रीकृष्ण और राधारानी के जयकारते लगाते हुए भक्तों के कदमों आगे बढ़ते रहे, जिससे परिक्रमा मार्ग पर मानव श्रृंखला बन गई।मान्यता है कि अक्षय नवमी पर वृंदावन, मथुरा और गरुण गोविंद (तीन वन) की परिक्रमा करने से भक्त को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी भावना के साथ भक्त परिक्रमा के लिए निकल पड़े।परिक्रमार्थियों का उत्साह देखने लायक था। पूरा परिक्रमा मार्ग हरिनाम संकीर्तन और राधे-राधे के स्वरों से गुंजायमान होता रहा। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा के बाद ब्रज के मंदिरों में ठाकुरजी के दर्शन किए।मथुरा शहर के साथ ग्रामीण अंचल और हाथरस, अलीगढ़, आगरा, भरतपुर से जुड़े क्षेत्रों से श्रद्धालु परिक्रमा करने पहुंचे। पंचकोसीय परिक्रमा के चलते शहर की यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई।शहर में विभिन्न मार्गो से गुजर रही परिक्रमा के लिए पुलिस को लगाया गया। मुख्य मार्गो पर कभी परिक्रमार्थी तो कभी वाहनों को रोककर व्यवस्था संचालित की गई। कई स्थानों पर परिक्रमा के साथ वाहन दौड़ते नजर आए, इससे परिक्रमार्थी परेशान हुए।

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