
नगर निगम की बैठक में महापौर पर पीड़ित परिवार ने लगाया 20 लाख रूपए रिश्वत लेने का आरोप, भारी हंगामा,

न्याय नही मिलने पर पीड़ित परिवार ने दी आत्मदाह की चेतावनी
नगर आयुक्त ने बनाई पांच सदस्यी जांच कमेटी
पूरा परिवार जो आरोप लगा रहा है, वह निराधार है। : मुकेश आर्यबंधु
मथुरा। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को सनसनी खेज हंगामा उस समय हो गया जब एक परिवार ने बैठक में मौजूद मेयर डा. मुकेश आर्य बन्धु पर बीस लाख रू. की रिश्वत मांगने का आरोप की झडी लगा दी। उनके आरोप सुनकर नगर आयुक्त समेत सभी अधिकारी एवं पार्षद हक्के-बक्के रह गये। बमुश्किल हंगामा करते पीड़ित परिवार को नगर आयुक्त ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन देते हुए वहां से रवाना किया।
नगर निगम की कार्यकारिणी में बुधवार को हंगामा करते हुए एक पीड़ित परिवार ने महापौर पर 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया। पीड़ित परिवार को नगर आयुक्त ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन दिया। पीड़िता शिल्पी पाल ने कहा कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ तो उनके परिवार के नौ सदस्य महापौर डॉ. मुकेश आर्य बंधु के आवास पर आत्महत्या कर लेंगे।
गौरतलब हो कि शहर के होलीगेट के पास आर्य समाज रोड पर कृष्णा होटल के नीचे कृष्णा टेलर्स की दुकान है। इस दुकान पर मालिकाना हक लखमीचंद अपना बताते हैं। दो दुकान में से पूर्व मालिक पूरन चंद खाट वालों ने डेढ़ दुकान वैधजी ज्वेलर्स को दे दी। बची आधी दुकान में लखमी चंद सिग्मी किराएदार बने हुए हैं। सभी दुकानें इस मार्केट में नगर निगम की है। आरोप है कि वैधजी ज्वैलर्स के स्वामी ने उनकी आधी दुकान अपने नाम कराने के लिए महापौर को तीस लाख रुपये दिए। पीड़ित परिवार को जब इसकी जानकारी हुई तो वह महापौर के पास पहुंचे। महापौर ने कहा या तो 20 लाख रुपये मुझे दे दो या 15 लाख रुपये लेकर दुकान खाली कर दो। महापौर की दोनों बातों को मानने से पीड़ित परिवार ने इनकार कर दिया। उसका कहना है कि न तो देने के लिए उनके पास 20 लाख रुपये हैं और ना ही वह दुकान खाली करने के एवज में 15 लाख रुपये लेंगे। इसी दुकान से ही परिवार के नौ सदस्यों का जीवन-यापन होता है। आरोप है कि महापौर ने वैधजी के पक्ष में कोई कागज जारी कर दिया। बुधवार को पीड़ित परिवार सभी सदस्यों के साथ भूतेश्वर स्थित जलकल कंपाउंड पहुंच गया। यहां पर हंगामा करते हुए आरोप लगाए। कार्यकारिणी की बैठक में उपसभापति राधाकृष्ण पाठक, पार्षद तिलकवीर सिंह, रश्मि शर्मा, उमेश भारद्धाज, राजवीर सिंह चौधरी, मीरा मित्तल, चन्दन आहुजा, कुलदीप चौधरी आदि शामिल रहे।
वहीं इस संबंध में महापौर डा. मुकेश आर्यबंधु ने कहा कि लखमीचंद न तो दुकान का मालिक हैं और न ही किराएदार है। आज तक लखमीचंद किराए की रसीद तक नहीं दिखा सका है। केवल नगर निगम की दुकान हड़पने के लिए यह झूठा आरोप लगा रहा है। पूरा परिवार जो आरोप लगा रहा है, वह निराधार है।
वहीं इस संबंध में नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया महापौर पर लगे आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। इनमें पार्षद रश्मि शर्मा, तिलकवीर सिंह, सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी शिवकुमार गौतम और कर अधीक्षक उम्मेद सिंह को रखा गया है। यह कमेटी बोर्ड मीटिंग में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी