
संस्कृत भारती ने विधि-विधान से मनाया महर्षि वेदव्यास जी का आविर्भाव उत्सव
मथुरा । संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा महानगर द्वारा कृष्णगंगा घाट स्थित महर्षि वेदव्यास जी की साधना स्थली व्यास मन्दिर कालिन्देश्वर नाथ महादेव मंदिर के प्रांगण में महर्षि कृष्ण द्वैपायन बादरायण व्यास जी का आविर्भाव महोत्सव वैदिक विधिविधान के साथ श्री रामकथा मर्मज्ञ अखिलेश गौड़ की अध्यक्षता में मनाया गया।
इस अवसर पर विद्वतगोष्ठी में मुख्य वक्ता संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मंत्री धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा हमारे ऋषि महर्षियों द्वारा प्राचीन काल में सभी धर्मग्रंथों की रचना देववाणी संस्कृत भाषा में की है जिसको समझने के लिए संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाना अति आवश्यक है।
मुख्य अतिथि संस्कृत भाषा के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा महाभारतए अठारह पुराण श्रीमद्भागवत ब्रह्मसूत्र मीमांसा जैसे अद्वितीय संस्कृत साहित्य दर्शन के प्रणेता थे महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास जी उन्होंने कहा वेदव्यास जी ज्योतिष शास्त्र के भी ज्ञाता थे। इस अवसर पर सचिव गंगाधर अरोड़ा केशव गौड़ मनोज शर्मा पं दाऊदयाल शास्त्री पं रमेश चन्द्र शर्मा विकास वार्ष्णेय हरस्वरुप यादव सुधाकर मिश्र नरेन्द्र गोला अनिल अग्रवाल सरदार राजेन्द्र सिंह होरा तरुण नागर पं सत्यप्रकाश शास्त्री पं भूपेश भारद्वाज आदि ने महर्षि वेदव्यास जी को पुष्पांजलि अर्पित की।
गोष्ठी का संचालन करते हुए संस्कृत भारती ब्रजप्रांत मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने कहा कि संस्कृत भाषा के अनेक धार्मिक ग्रंथों के रचयिता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास जी बाल्यावस्था से ही असाधारण प्रतिभाशाली थे। इस अवसर पर संस्कृत भारती के कोषाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक योगेश उपाध्याय आवा ने पधारे हुए सभी अतिथियों का पटुका भेट कर सम्मानित किया। गोष्ठी एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी केशव गौड़ पं दाऊदयाल शास्त्री मनोज शर्मा द्वारा वैदिक व पौराणिक मंगलाचरण से किया गया। कार्यक्रम के अन्त में संस्कृत भारती मथुरा महानगर मंत्री भगतसिंह जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।