राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और श्री लालबहादुर शास्त्री को याद करते हुए

 

2 अक्टूबर राष्ट्रीय पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया

 

मथुरा, किसान इण्टर कालेज सौंख खेड़ा में राष्ट्रीय पर्व 2 अक्टूबर आज विद्यालय प्रांगण में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया इस दौरान विद्यालय में आये अतिथियों सम्भ्रान्त नागरिकों, शिक्षक एवं विद्यार्थियों को महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री के त्याग एवं बलिदान से विस्तार पूर्वक अवगत कराया ।

विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह का शुभारम्भ विद्या की अधिष्ठात्री वाग्देवी माँ सरस्वती एवं विद्यालय के यशस्वी संस्थापक स्व. श्री पुरुषोत्तम लाल चूड़ामणि की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। प्रधानाचार्य चन्द्रभान सिंह द्वारा ध्वजारोहण किया गया एवं महात्मा गाँधी अमर रहे, शास्त्री जी अमर रहे जैसे ओजस्वी उद्घोषक के साथ कार्यक्रम को गति प्रदान की गई । कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र परिवार ने किया । गाँधी जी के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम’ का विद्यालय के छात्रों ने सस्वर वाचन किया । इस दौरान सभी को गाँधी जी के विचारों एवं आदर्शों से अवगत कराया गया । अध्यापक रूपेन्द्र सिंह ने बच्चों को महात्मा गाँधी के विषय में बताते हुए अहिंसा के महत्व से सभी को परिचित कराया । लालबहादुर शास्त्री के विषय में सम्भाषण देते हुए बताया कि शास्त्री जी ने पाक से हुए युद्ध में दिल्ली के रामलीला मैदान से “जय जवान – जय किसान’ का नारा दिया । शिक्षक रामनारायण यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि सत्य अहिंसा एवं अनुशासन गाँधी जी के महान आदर्श रहे । इन्हीं आदर्शों का अनुसरण करके हम उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । शास्त्री जी के विषय में बताते हुए उन्होंने उनके त्याग एवं बलिदान की भावना की जानकारी दी और कहा कि शिक्षा से ही समाज का कल्याण होता है ।

प्रवक्ता कमल किशोर ने बच्चों को बताया कि 1885 ई. में राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई । जिसमें महात्मा गाँधी भी शामिल हुए । उन्होंने यह भी बताया कि चम्पारण में किया गया आन्दोलन गाँधी जी का प्रथम आन्दोलन था । डॉ. रावेन्द्र सिंह ने बच्चों को द. अफ्रीका की नस्लभेदी नीति को गाँधी जी ने जड़ से उखाड़ फेकने की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि गोपाल कृष्ण गोखले गाँधी जी के राजनीतिक गुरू थे । उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रांगण में उपस्थित क्षेत्र के सम्भ्रान्त नागरिकों एवं विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को अहिंसा के रूप में मनाया जाता है । 8 अगस्त 1942 ई. को ब्रिाटिश शासन के विरुद्ध करो या मरो का नारा देते हुए गाँधी जी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने को विवश कर दिया।

कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र परिहार द्वारा किया गया ।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

विज्ञापन बॉक्स
विज्ञापन बॉक्स

Related Articles

Close
[avatar]