
श्रीहरिदेव मंदिर के शिखरों का निर्माण भव्य और दिव्य होगा, निर्माण कार्य शुरू
मथुरा। गिरिराज तलहटी स्थित मानसी गंगा के दक्षिण तट पर विराजमान प्राचीन श्रीहरिदेव मंदिर के मुख्य दो शिखर व कलश के पुननिर्माण का बीड़ा लिए समाजसेविका श्रीमती नीतू गौतम खंडेलवाल ने दर्जनों विद्यमान आचार्य, भगवताचार्य, संत व वैष्णव भक्तों विधि विधान से पूजा अर्चना व हवन कुंड में आहुतियां देकर शिलान्यास किया और आगुंतकों का फूलमाला व पटका पहनाकर स्वागत किया।
पर्वतराज की भूमि में विराजमान श्रीहरिदेव जी महाराज का विग्रह श्रीराधामय स्वरुप एक प्राण दो देह का स्वरुप है। मानसी गंगा के समीप बने लाल पत्थर के शानदार मंदिर का इतिहास भी बड़ा रोचक रहा है. एक रात्रि के पहर का बना सात मंजिल नक्काशी दार मंदिर के शिखर को औरंगजेब के आक्रमण के समय ऊपर की छः मंजिल को
गिरा दिया था. हजारों सालों से टूटी पड़ी श्रीहरिदेव मंदिर के दोनों शिखर करीब एक करोड़ की लागत से 71 फुट ऊंची भव्य और दिव्य बनेंगी जिसमें 60 कारीगर 180 दिन में बनाकर तैयार करने लक्ष्य रखा गया है। गौतम हिंदुस्तानी प्रमुख समाजसेवी ने बताया की यह वही स्थान है जहां सात साल के कान्हा ने गोवर्धन पर्वत को सात दिन तक अपनी बांए हाथ की कनिष्ठा ऊंगली पर धारण किया था। भगवान श्रीकृष्ण के प्रपोत्र ब्रजनाभ द्वारा ब्रज में चारों देवों की स्थापना की गई। यह चारों देव गोवर्धन में श्री हरि देव मथुरा में श्री केशव देव, दाऊजी में बलदेव जी और वृंदावन में गोविंद जी है। श्री गोविंददेव जी आज जयपुर में विराजमान हैं। गिरिराज प्रभु के कृपा से श्रीहरिदेव मंदिर के शिखरों और कलश का निर्माण भव्य और दिव्य होगा। इस यज्ञ आचार्य सुरेश गोसाई, पुरुषोत्तम गोसाई, नीतू, गौतम खंडेलवाल, विनोद गोसाई, गोपेंद्र गोसाई, अमित गोस्वामी, सभासद लक्ष्मी नारायण गोस्वामी, पुनीत गोस्वामी, पवन गोस्वामी, भागवत आचार्य कान्हा कौशिक, पूरन कौशिक, विकास दादा, मनमोहन अग्रवाल, टिल्लू पंडित आदि मौजूद रहे।