आश्रम में महंती को लेकर साधुओं के दो गुटों में खूनी संघर्ष, दस साधु हुए घायल

 

 

मथुरा। थाना कोतवाली वृंदावन इलाके में एक आश्रम पर कब्जे को लेकर साधुओं के दो गुटों में जमकर मारपीट हो गई। दोनों तरफ से हुए झगड़े में साधुओं सहित दस से ज्यादा लोग घायल हो गए। झगड़े की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना कोतवाली वृंदावन इलाके के मोतीझील क्षेत्र में स्थित भूरीवाला आश्रम है। यहां कब्जे को लेकर शुक्रवार दोपहर दो पक्षों में जमकर बवाल हो गया। दोनों तरफ से जमकर लाठी डंडे चले। इस खूनी संघर्ष में साधुओं सहित दस से ज्यादा लोग घायल हो गए। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। मोतीझील इलाके में 40 वर्ष पहले संत भूमानंद महाराज ने जमीन खरीदी और भूरी वाला आश्रम बनवाया। यहां भगवान लाल बिहारी को विराजमान किया गया। इसके बाद आश्रम विधिवत रूप से चलता रहा कोई विवाद नहीं था। आश्रम में संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थी भी आते हैं। उनको भोजन भी कराया जाता है। आश्रम में रह रहे एक साधु ने बताया कि 2016 में आश्रम के महंत ने वसीयत लिखी जिसमें स्वामी दर्शनानंद को महंत बनाया। 2020 में जब स्वामी भूमानंद का शरीर शांत हो गया। इसके बाद स्वामी दर्शानंद पूरी तरह आश्रम का संचालन करने लगे। यहीं से दूसरे संत प्रकाशानंद और कृष्णानंद से विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि कृष्णानंद, प्रकाशानंद के लोग शुक्रवार को आश्रम पर आए और भगवान का गेट पर बैठकर भजन करने लगे। शुक्रवार की दोपहर को कुछ लोग आए और गेट का ताला तोड़कर आश्रम में रह रहे साधुओं व विद्यार्थी पर हमला कर दिया। साधु का आरोप था कि कुछ हमलावर लोकल थे तो कुछ पंजाब से लाए गए थे। इस मामले में संत कृष्णानंद का आरोप है कि स्वामी दर्शनानंद के लोगों ने हमला किया। इस हमले में उनके पक्ष के 7 से 8 लोग घायल हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। स्वामी कृष्णानंद का आरोप है कि बिना ट्रस्ट की अनुमति के स्वामी दर्शनानंद कार्य कर रहे थे विरोध किया तो हमला कर दिया। आश्रम पर झगड़े की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर क्राइम ज्ञानेंद्र सोलंकी, चौकी प्रभारी रमण रेती अवनेंद्र यादव सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घायल साधुओं को अस्पताल में भर्ती कराया और विवाद की वजह जानने में जुट गई। भूरी वाला आश्रम पर हुए विवाद में आश्रम के महंत पक्ष ने पुलिस पर दूसरे पक्ष से मिली भगत का आरोप लगाया। आरोप है कि जिस समय हमलावर आए उस समय पुलिस आश्रम से महज 25 मीटर दूर से निकल रही थी। इसके अलावा बबाल होने के बाबजूद संबंधित पुलिस चौकी बांके बिहारी से प्रभारी ने भी पहुंचना मौके पर मुनासिब नहीं समझा। फिलहाल घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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