
अहोई अष्टमी पर दूधिया रोशनी से सरावोर हुआ राधाकुण्ड-श्यामकुण्ड
श्रील प्रभुपाद के अनुयायियों द्वारा 5100 दीपों से किया गया दीपदान
मथुरा। गोवर्धन स्थित राधाकुण्ड में गुरूवार को अहोई आष्टमी के पावन पर्व पर भारत के विभिन्न राज्यों से आए दम्पतियों ने संतान प्राप्ति हेतु राधाकुण्ड में पूजा अर्चना कर श्रद्धा की डुबकी लगायी। इस दौरान श्रील प्रभुपाद के अनुनायियों द्वारा राधाकुण्ड एवं श्यामकुण्ड में 5100 द्वीपों का दान कर तीर्थ को जगमग किया गया। इन दीपों की रोशनी से राधाकुण्ड श्यामकुण्ड दूधिया रोशनी से सराबोर हो गया।
कार्यक्रम संयोजक अभिषेक मिश्रा ने बताया कि दीपदान का यह महा उत्सव श्रील प्रभुपाद के अनुनायियों द्वारा गत 26 वर्षों से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दीपदान एवं पूर्वा स्नान की परंपरा का शुभारंभ 500 वर्ष पूर्व चैतन्य महाप्रभु के शिष्य श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी जी द्वारा प्रारंभ की गई थी। पूर्व में राधाकुण्ड एवं श्यामकुण्ड में प्रकाश की व्यवस्था न होने पर ब्रजवासियों द्वारा घी, बत्ती एवं दीपक की व्यवस्था कर दीपदान किया जाता था। उसके पश्चात मध्यरात्रि में राधाकुण्ड एवं श्यामकुण्ड में स्नान किया जाता था। वहीं अनुपम क्रिया भक्तों द्वारा आज भी प्रतिपादित की जा रही है। कार्यक्रम संयोजक श्रील प्रभुपाद के अनुनायियों ने बताया की गोवर्धन पूजा के दिन 5 नंवबर को गोवर्धन के दानघाटी से अन्यौर तक पुनः दीपदान के उत्सव को सम्पन्न किया जाएगा। जिसमें 51000 दीपों का दान भक्तों द्वारा किया जाएगा।