
चौरासी कोस परिक्रमा का अब होगा अयोध्या की तर्ज पर कायाकल्प
नितिन गडकरी ने दिया ब्रजवासियों को विभिन्न सड़कों की सौगात
मथुरा 07 जनवरी/ केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल रूप से बदायॅूं बरेली खण्ड 4 लेन का निर्माण, हाथरस कासगंज 4लेन चौड़ीकरण, कासगंज बदायूं खण्ड 4 लेन, मथुरा हाथरस खण्ड 4 लेन, यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ते हुए 6 लेन आगरा बाईपास ग्रीफ फील्ड का निर्माण, आगरा ग्वालियर मार्ग को जोड़ने वाला आगरा इनर रिंग रोड का 6 लेन, मथुरा हाथरस खण्ड 6 लेन के चौड़ीकरण/निर्माण कार्य का शुभारंभ किया, वहीं आगरा से नूहखास 2लेन चौड़ीकरण नूहखास से एटा 2 लेन का शिलान्यास भी किया।
इस अवसर पर वर्चअल रूप से प्रदेश के विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। वर्चुअल में मा0 मंत्री एसपी सिंह बघेल, चौधरी लक्ष्मी नारायण, जीएस धर्मेश, मा0 सांसद श्रीमती हेमा मालिनी, राजवीर दिलेर, धमेंन्द्र कुमार कश्यप, हरनाथ सिंह यादव, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश सहित अन्य मा0 जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
पवित्र स्थल मथुरा समेत देश के विभिन्न भागों को जल, वायु और ध्वनि प्रद्दूषण से मुक्ति दिलाई जाएगी। मा0 केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ब्रज 84 कोस परिक्रमा को राष्ट्रीय मार्ग घोषित किया जायेगा। यह कार्य मा0 सांसद श्रीमती हेमा मालिनी के अथक प्रयास से ही संभव हो सका है। ब्रज क्षेत्र से संबंधित विभिन्न सड़क मार्गों आदि के कार्यो का वर्चुअल के माध्यम से चौड़ीकरण/ शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रयास किया जा रहा है कि दुपहिया और चौपहिया वाहनों को पेट्रोल की जगह एथेनाल से चलाया जाये। इससे जहां पर्यावरण को प्रद्दूषण से मुक्ति मिलेगी वहीं किसान की आमदनी भी बढ़ेगी। खराब मानी जाने वाली वस्तुओं को बदलकर आय के स्रोत में तब्दील किया जाएगा। वातावरण एवं पर्यावरण को बचाने के लिए ग्रीन फ्यूल लाया जाएगा या बिजली से चलने वाले वाहनों का उपयोग किया जाएगा। जल, वायु और ध्वनि प्रद्दूषण से मुक्ति के लिए ऐसे साधन खोजे जा रहे है।
जल प्रद्दूषण कम करने के लिए जहां जल में प्रद्दूषण के कारकों कोे पानी से हटाकर उन्हें पर्यावरण के लिए उपयोगी बनाया जा रहा है, वहीं यह भी प्रयास किया जा रहा है कि भारत की सड़कें अमेरिका की तरह बेहतर बनाई जायंे। उन्होंने यह भी बताया कि ध्वनि प्रदुषण कम करने के लिए अब वाहनों के हार्न बांसुरी या किसी अन्य संगीत के यंत्रो की घ्वनि जैसे तैयार किये जायेंगे।
प्रयास यह किया जा रहा है ग्रीन फ्यूल का उत्पादन भारत में ही हो और आयात के कारण उस पर खर्च होने वाली राशि को किसानों पर व्यय कर उन्हें ऐसे साधन अपनाने को कहा जाय जिनका उपयोग कर पर्यावरण को बेहतर बनाए रखा जा सकता है। इससे रोजगार देने की क्षमता भी बढ़ेगी। ग्रीन हाईड्रोजन बनाकर उनसे वाहनों को चलाकर इसके आयात में होने वाले खर्च को बचाकर उसेे देश की विकास योजनाओं में लगाया जाएगा।
श्री गडकरी ने कहा कि चौरासी कोस परिक्रमा का अयोध्या की तर्ज पर कायाकल्प होगा। इसके विकास में पांच हजार करोड़ खर्च आएगा। इसके अन्तर्गत परिक्रमा मार्ग में जहां अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जांएगे, वही पैदल चलने का मार्ग पर घास लगाई जाएगी, जिससे परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। चौरासी कोस परिक्रमा के विश्राम स्थलों पर श्रीकृष्ण की लीलाओं का इतिहास होगा और मूर्तियां लगाई जाएंगी। वहीं पर ब्रजवासियों के अनुकूल सात्विक भोजन भी मिलेगा और सुन्दर टॉयलेट भी बनाए जाएंगे तथा बच्चों के लिए अलग से कुछ व्यवस्थाएं होंगी।
पर्यटन से लोगों को रोजगार भी मिलेगा और परिक्रमा इस प्रकार की होगी कि उसे करने वाले व्यक्ति को पूरी परिक्रमा में पौराणिकता का अनुभव हो। उन्होंने यमुना के प्रद्दूषण को दूर करने के लिए उनके पूर्व के मंत्रालय के प्रयासों का भी जिक्र विस्तार से किया तथा यह भी बताया कि अयोध्या को नया स्वरूप देने के लिए उनका मंत्रालय किस प्रकार के कार्य कर रहा है।
इसी प्रकार मथुरा बरेली मार्ग पर राया में लगने वाले जाम को दूर करने के लिए भी हेमा मालिनी ने उनके मंत्रालय से कई बार कहा, जिससे इस मार्ग को भी राजमार्ग के रूप में लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रज क्षेत्र में 8 रेल ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं एवं आधा दर्जन बाईपास बनाए जा रहे हैं। 238 किलोमीटर लम्बे मथुरा-बदायूं बरेली मार्ग का चौड़ीकरण तथा मथुरा से बदायूं की यात्रा तीन घंटे में सड़क मार्ग से तय की जा सकेगी और ढाई घंटे में आगरा से बरेली पहुंचा जा सकेगा और जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, समाजसेवी अंनत शर्मा, जनार्दन शर्मा सहित राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित रहे।