संस्कृत भाषा के सरल रूप में प्रशिक्षण के लिए संस्कृत भारती द्वारा आनलाइन ‌पत्राचार का हुआ शुभारंभ

 

संस्कृत भाषा ही कालान्तर में सभी भाषाओं की जननी रही है : गोविंद

 

 

संस्कृत के संरक्षण से ही होगा राष्ट्रीय मूल्यों का संरक्षण: आचार्य श्रवण

 

मथुरा ।वैदिक संस्कृति के भारत वर्ष में चल रहे पत्राचार अभियान के अन्तर्गत विश्व के १९ देशों के साथ संस्कृत भारती मथुरा महानगर द्वारा , पत्राचार के माध्यम से संस्कृत संभाषण पठन पाठन अभियान का शुभारंभ प्रातः 10 बजे से घीया मंडी तीर्थ क्षेत्र स्थित प्राचीन आदि श्री दीर्घ विष्णु मंदिर के प्रांगण में वैदिक विधि विधान से सामुहिक यज्ञ पूजन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक  गोविन्द जी, ने कहा कि कालान्तर में संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी रही है भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं को जीवंत रखने वाली भाषा ही संस्कृत है भारत के सभी प्रांतों में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं का मूल संस्कृत ही है इसका राष्ट्रीय एकता में अमूल्य योगदान है संस्कृत भाषा का संरक्षण ,संवर्द्धन,प्रचार प्रसार ही राष्ट्रीय विचारधारा का संरक्षण है ब्रज प्रान्त संगठन मंत्री आचार्य श्रवण कुमार जी ने कहा कि, संस्कृत भाषा के संरक्षण के मूल में ही भारतीय संस्कृति के संरक्षण का मूल मंत्र छीपा हुआ है

आज के वैज्ञानिक युग में संस्कृत भाषा ही सर्वश्रेष्ठ सिद्ध हो रही है, ब्रज प्रान्त अध्यक्ष डा नटवर नागर जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति को जानने के लिए संस्कृत मूल आधार है और इस पाठ्यक्रम से सरल रूप में संस्कृत भाषा का पठन,पाठन ,लेखन जनमानस सीख सकता है , ब्रज प्रान्त न्यास मंत्री श्री गंगाधर अरोड़ा जी, आचार्य बृजेन्द्र नागर ने कहा कि मथुरा बृज मंडल से बहुत बड़ी संख्या में इस पाठ्यक्रम में भाग लेंगे जिसके लिए व्यापक योजना पर कार्य चल रहा है प्रचार प्रमुख पं. रामदास चतुर्वेदी शास्त्री,निगम पार्षद ने संचालन करते हुए बताया यह पाठ्यक्रम भारत सहित विश्व के १९ देशों में ११ भाषाओं में वर्तमान में उपलब्ध रहेगा आनलाइन रजिस्ट्रेशन द्वारा इसमेें प्रवेश मिलेगा, चार चरणों में दो बर्ष का पाठ्यक्रम निश्चित किया गया है जिसका मुख्य केन्द्र केरल में स्थापित किया गया है संस्कृत के मूर्धन्य विद्वानों द्वारा पाठ्यक्रम सरल रुप में तैयार किया गया है

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दीर्धविष्णु मंदिर के सेवायत महंत कायरता चतुर्वेदी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम को संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में अद्वितीय कार्यरत बताया है ।

कार्यक्रम में प्रमुख रुप से

ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी जी, दीर्घ विष्णु मंदिर के सेवायत महन्त श्री कान्ता नाथ चतुर्वेदी जी, महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर, महानगर कोषाध्यक्ष श्री योगेश कुमार उपाध्याय आवा, महानगर प्रचार प्रमुख श्री रामदास चतुर्वेदी पार्षद, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री पंकज शर्मा जी, श्री विजय बहादुर सिंह जी, डा रमन बिहारी टंडन जी,प्रान्तीय कार्यालय प्रमुख श्री हरस्वरुप जी,शिक्षण प्रमुख श्री हरिश्चन्द्र जी, महिला प्रमुख श्रीमती अनिता आचार्य जी, सरदार राजेन्द्र सिंह होरा जी, श्री अक्षय भारद्वाज जी, श्री मोहित आचार्य जी, श्री लाल कृष्ण चतुर्वेदी जी, श्री बालकृष्ण चतुर्वेदी जी, श्री राजेन्द्र जी चतुर्वेदी, संजीव चतुर्वेदी, अनुराग चतुर्वेदी,गगन चतुर्वेदी, आदि भारी संख्या में भक्त गण उपस्थित रहे।

आयोजन का शुभारंभ श्री दीर्घ विष्णु भगवान के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। तत् पश्चात वैदिक पौराणिक मंगलाचरण किया गया कार्यक्रम के अंत में महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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